यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने गुरूवार को, पोलैंड के वारसॉ शहर में ड्रग्स से निपटने के विषय पर दूसरे सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए, ड्रग विनियमन के लिए मानवाधिकार-आधारित दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
उन्होंने अपने बयान में, ड्रग से सम्बन्धित मौतों की रिकॉर्ड संख्या और ड्रग उपयोग विकारों में वृद्धि की ओर इशारा भी किया.
इस विषय पर प्रथम सम्मेलन ऐम्स्टर्डम के मेयर जनवरी 2024 में आयोजित किया था, और यह दूसरा सम्मेलन भी उसी विषय पर चर्चा को आगे बढ़ाता है.
इस सम्मेलन में, सर्वोत्तम प्रथाओं और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए योरोप और दुनिया भर के नेताओं और विशेषज्ञों ने शिरकत की है.
वोल्कर टर्क ने कहा, “आपराधीकरण और ड्रग्स के उपयोग को निषिद्ध करने के उपाय, ड्रग्स से सम्बन्धित अपराधों को रोकने में विफल रहे हैं. ये नीतियाँ बिल्कुल भी काम नहीं कर रही हैं – और हम अपने समाजों में सबसे कमज़ोर समूहों की मदद करने में विफल हो रहे हैं.”
वैश्विक ड्रग्स संकट
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर की यह चेतावनी, ऐसे समय में ख़ासी प्रासंगिक है जब अवैध ड्रग्स के उत्पादन और वितरण में वृद्धि दर्ज की गई है.
अफ़गानिस्तान में, 2022 में तालिबान द्वारा अफ़ीम की खेती पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के बावजूद, 2024 में अफ़ीम के उत्पादन में 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. तालेबान प्रतिबन्ध के परिणामस्वरूप शुरू में अफ़ीम की खेती में 95 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी.
इस बीच, उत्तरी अमेरिका एक अभूतपूर्व ड्रग संकट का सामना कर रहा है, जिसमें सिंथेटिक ड्रग्स, संयुक्त राज्य अमेरिका और एशिया व अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में ख़तरनाक दर पर लोगों की जान ले रहे हैं.
दंड से समर्थन की तरफ़
वोल्कर टर्क ने स्वास्थ्य, गरिमा और समावेशन को प्राथमिकता देने वाले नज़रिए रूपान्तरकारी बदलाव की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
उन्होंने आग्रह करते हुए कहा, “हमें दंडात्मक उपायों के बजाय, लिंग-संवेदनशील और साक्ष्य-आधारित ड्रग्स नीतियों की आवश्यकता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य पर आधारित हों.”
उन्होंने “स्वैच्छिक चिकित्सा देखभाल व अन्य सामाजिक सेवाओं तक समावेशी पहुँच” आसान बनाए जाने की भी पुकार लगाई और ज़ोर देते हुए कहा कि ड्रग्स का बहुत अधिक सेवन करने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए, नुक़सान कम करने के उपाय ज़रूरी हैं.
वोल्कर टर्क बेबाक शब्दों में कहा कि सुधार करने का एक प्रमुख तत्व ड्रग्स का सेवन करने वाले लोगों अपराधी समझा जाना बन्द करना होगा.
उन्होंने नीतिगत बदलावों के साथ-साथ सामाजिक पुनः एकीकरण समर्थन की वकालत करते हुए, “हमें ड्रग्स के उपयोग के विकार को दंडित करने के बजाय, व्यक्ति का इलाज शुरू करने की ज़रूरत है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त ने इस दृष्टिकोण का समर्थन करने वाले स्पष्ट सबूतों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ड्रग्स का सेवन करने वाले लोगों को कारावास की सज़ा दिए जाने की तुलना में, समाज में उनके समावेशन और शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करने का मतलब है कि ड्रग्स की खपत कम हो जाती है.
“कलंक के बजाय सामाजिक पुनः एकीकरण का चयन करने का मतलब है कि ड्रग्स से सम्बन्धित संक्रमण कम हो जाते हैं”.
इनसानों को तरजीह देना
वोल्कर टर्क ने ज़ोर देकर कहा कि मौजूदा ड्रग निरोधक नीतियों से सबसे अधिक प्रभावित लोगों पर ध्यान केन्द्रित किए जाने के महत्व पर ज़ोर दिया.
उन्होंने कहा, “ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि ड्रग्स का उपयोग करने वाले लोगों को अक्सर समाज में हाशिए पर धकेल दिया जाता है, उन्हें अपराधी समझा जाता है, उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उन्हें पीछे छोड़ दिया जाता है – अक्सर उनकी गरिमा व उनके अधिकार छीन लिए जाते हैं.”
वोल्कर टर्क ने कहा, “हम जब तक ड्रग नीति बनाने और उसे लागू करने में उनकी वास्तविक भागेदारी सुनिश्चित नहीं करते, तब तक हम विफल होने के रास्ते पर होंगे.”
उन्होंने कहा, “सबूत स्पष्ट हैं. ड्रग्स पर तथाकथित युद्ध पूरी तरह से विफल हो गया है, और दंड दिए जाने के बजाय, इनसानों को प्राथमिकता देने का मतलब है कि अधिक ज़िन्दगियाँ बचेंगी.”