भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उनकी टिप्पणी को झूठ फैलाने के लिए तोड़-मरोड़कर पेश किया है।
मजूमदार ने साथ ही यह भी कहा कि एक दिन पहले टीईटी प्रश्न पत्र के कथित लीक रोकने में विफल रहने के मामले से ध्यान हटाने के लिए भी टीएमसी ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है।
मजूमदार का एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर सामने आया था जिसमें वह कहते सुने गए, बंगाल भक्ति आंदोलन का उद्गम स्थल रहा है और इसने सनातन धर्म का सदियों समर्थन किया लेकिन वामपंथियों की वजह से वह इस रास्ते से कुछ समय के लिए भटक गया। जो लोग फुटबॉल खेल को गीता से अधिक महत्व देते हैं, वे सभी वामपंथी विचारधारा वाले हैं।
उन्होंने साबित किया है कि अल्प ज्ञान खतरनाक चीज होती है। बंगाल अब सही रास्ते पर चलेगा, जिसकी शुरुआत आज (24 दिसंबर को गीता पाठ के दिन) से होगी।
मजूमदार ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि उनका तात्पर्य मौजूदा वामपंथियों से था और टीएमसी को हमें स्वामी जी की विचारधारा को लेकर सिखाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने स्वामी विवेकानन्द की ओर इशारा नहीं किया। मैं कैसे कर सकता हूं? अगर आप वीडियो में मेरी टिप्पणी सुनेंगे तो आप पाएंगे कि मैंने आज के वामपंथियों की बात कही है। टीएमसी राजनीति कर रही है और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शशि पांजा ने रविवार को आरोप लगाया कि इस तरह की टिप्पणी करके मजूमदार ने स्वामी विवेकानंद का अपमान किया है, जिन्होंने कभी कहा था कि अगर आप गीता पढ़ने के बजाए फुटबॉल खेलेंगे तो आप तन-मन दोनों स्वस्थ रखेंगे। बालूरघाट से भाजपा सांसद मजूमदार ने दावा किया कि टीईटी प्रश्न पत्र लीक पर से ध्यान हटाने के लिए टीएमसी ने उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने कहा, जेल की सजा भुगत चुके लोगों को अब टीईटी पेपर लीक कांड को दबाने के लिए झूठ बोलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
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