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जी20 समूह से, स्थाई भविष्य के लिए सहयोग बढ़ाने की पुकार

जी20 समूह से, स्थाई भविष्य के लिए सहयोग बढ़ाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि जलवायु संकट, असमानता और नई प्रौद्योगिकी के दुष्प्रभाव को ख़त्म करने पर हुई प्रगति ‘हाथ से फिसलने’ लगी है और इसके लिए उचित हस्तक्षेप की आवश्यकता है.  

उन्होंने कहा कि रविवार को पारित, भविष्य के लिए सहमति-पत्र (Pact for the Future), इस दिशा में पहला ज़रूरी क़दम था. उन्होंने कहा, “भविष्य के लिए सहमति-पत्र, अभी व तात्कालिक कार्रवाई प्रेरित करने के बारे में है.”

वित्त एवं जलवायु

यूएन महासचिव ने कहा कि जी20 समूह के देशों को अधिक टिकाऊ विश्व के निर्माण के लिए साथ मिलकर काम करना होगा और इसके लिए उन्हें अन्तरराष्ट्रीय वित्त प्रणाली में सुधार व जलवायु संकट का समाधान करना आवश्यक होगा.

यूएन प्रमुख ने कहा, “हमें अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था में महत्वाकाँक्षी सुधार करने की ज़रूरत है, ताकी वो वर्तमान वैश्विक अर्थव्यवस्था का पूर्ण प्रतिनिधित्व करते हुए, सतत विकास लक्ष्यों को लागू करने के लिए मज़बूत समर्थन सुनिश्चित कर सके.

यूएन महासचिव ने बढ़ते त्रृण के बोझ से निपटने के लिए मज़बूत कार्रवाई की अपील की और ऐसी वित्तीय प्रणालियाँ स्थापित करने का आहवान किया जो उन असमानताओं की लागत को घटा सकें, जिसका सामना कई समुदाय कर रहे हैं.

2024 में रिकॉर्ड पर दर्ज उच्च स्तर पर तापमान वृद्धि व चरम मौसम की घटनाओं के मद्देनज़र, जलवायु संकट को सम्बोधित करने के लिए भी कार्रवाई बहुत अहम है.

यूएन महासचिव ने कहा कि इसका स्पष्ट समाधान, जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल घटाना और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव लाना है.  

यूएन प्रमुख ने कहा, “चीन और भारत के अलावा, अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में स्वच्छ ऊर्जा में निवेश, 2015 में बाद मुश्किल से ही बढ़ा है.” 

उन्होंने कहा, “स्वच्छ ऊर्जा की ओर परिवर्तन, न्याय व समता पर आधारित होना चाहिए, जिससे सभी देशों को इसका लाभ मिल सके.”

समावेशी वैश्विक संस्थान

यूएन महासचिव ने वैश्विक स्तर पर ऐसे समावेशी संस्थान स्थापित करने पर भी ज़ोर दिया, जो “वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों से निपट सकें.”  

उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष व प्रतिनिधि शासन हो, तो पुख़्ता सुधार होने सम्भव होते हैं. 

महासचिव ने कहा, “भविष्य के लिए सहमति-पत्र में, बहुपक्षीय संस्थानों को अधिक प्रतिनिधि, असरदार, पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के लिए प्रतिबद्धताएँ भी शामिल हैं.”

सहयोग का वादा

यूएन के शीर्ष नेता ने जी20 मंत्रियों को दिए सन्देश का समापन यह याद दिलाते हुए किया कि यूएन, “सम्वाद व कार्रवाई के समावेशी मंच के रूप में अपनी आयोजक भूमिका को मज़बूत करने के लिए” प्रतिबद्ध है और प्रभावी सम्वाद के लिए 2025 में सम्मेलनों की मेज़बानी करते हुए, अपना काम जारी रखेगा.

उन्होंने कहा, “मैं जी20 समूह से, वैश्विक नेतृत्व की महत्वाकाँक्षा बढ़ाने और सर्वजन के लिए एक सुरक्षित, अधिक शान्तिपूर्ण और सतत दुनिया के निर्माण हेतु, परिवर्तनकारी कार्रवाई के हर अवसर का लाभ उठाने का आग्रह करता हूँ.”

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