बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलकर राजग में जाने के संकेत और जद (यू) द्वारा ‘इंडिया’ के टूटने की कगार पर पहुंचने का दावा किये जाने के बीच विपक्षी गठबंधन पर संकट के गहरे बादल मंडरा रहे हैं। आसन्न संकट की एक तरह से पुष्टि करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसके गठबंधन में तोड़फोड़ के प्रयास में लगी है।
कांग्रेस ने हालांकि विश्वास जताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी और जनता दल(यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नीतीश कुमार की ‘इंडिया’ गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान है तथा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से कुमार और बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी टीएमसी राज्य में लोकसभा चुनाव ‘‘अकेले’’ लड़ेगी, और अगर कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटने का फैसला करते हैं, तो यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए बनाये गए विपक्षी मोर्चे के लिए एक और बड़ा झटका होगा।
घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा, ‘‘व्यक्तिगत तौर (मेरा मानना है कि) नजारा बेहतर हो सकता था। (गठबंधन में) कोई फूट नहीं है। भाजपा गठबंधन को भले ही बहुत अधिक न हो किंतु कम ही सही, नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि गठबंधन नहीं बिखरेगा तथा वह इसे मजबूत बनाने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।
सीट बंटवारे पर विलंब से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि कांग्रेस की वजह से सीट बंटवारा नहीं हो सका।
ऐसा नहीं है कि हमारी वजह से देरी हो रही है…राज्यों में हमारी मजबूत इकाइयां हैं….मुझे लगता है कि कुछ दिनों के भीतर हम सहमति बना लेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि ‘इंडिया’ आगे बढ़ेगा। स्थिति बेहतर हो सकती है। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह तनावपूर्ण है।’’
रमेश ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कई राज्यों में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है लेकिन अभी तक घोषणा नहीं की है।
उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) ने घोषणा की है कि उसने कांग्रेस को 11 सीट की पेशकश की है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनका गठबंधन ‘‘अच्छी शुरुआत’’ है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस के साथ 11 सीट से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है…यह सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा। ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ (पिछड़ा दलित,अल्पसंख्यक) की रणनीति इतिहास बदल देगी।’’
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीट है और 2019 के चुनाव में सपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा को पांच, बसपा को 10 सीट पर जीत मिली थी, जबकि रालोद अपना खाता भी नहीं खोल पाया था।
रमेश ने कहा कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के सदस्य अशोक गहलोत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ सीधे संपर्क में हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अशोक गहलोत जी अखिलेश यादव जी के साथ सीधे संपर्क में हैं। दोनों के बीच बातचीत हो रही है। बातचीत बहुत सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से चल रही हैं। कोई सीट बंटवारा या फार्मूला तय होगा तो उसकी जानकारी हम सबको देंगे।’’
कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि जो लोग देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने की इरादा रखते हैं, वे निश्चित रूप से जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को एकजुट रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
जद(यू) के ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर जाने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में खरगे ने कहा, ‘‘क्या वे बाहर जा रहे हैं? मुझे अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। मैंने उनके नेतृत्व को एक पत्र लिखा है और उनसे बात करने की कोशिश की है। मैं स्पष्ट रूप से नहीं जानता कि उनके मन में क्या है।’’
जद (यू) महासचिव त्यागी ने शनिवार को दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन टूटने की कगार पर है।
त्यागी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ भी टूटने की कगार है। पंजाब, पश्चिम बंगाल और बिहार में ‘इंडिया’ में शामिल दलों का गठबंधन लगभग खत्म हो चुका है। इस बीच उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस से खुले दिल से काम करने को कहा है।’’
उन्होंने कहा कि जद (यू) अध्यक्ष कुमार जिस लक्ष्य और इरादे के साथ गैर-कांग्रेसी दलों को कांग्रेस के साथ लाने में सफल रहे थे, उसका अब कोई औचित्य नहीं रह गया है।
त्यागी ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल काफी सशक्त भाजपा से कैसे लड़ सकते हैं।
कांग्रेस नेता रमेश ने कहा, ‘‘खरगे ने नीतीश कुमार से बात करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी…कभी बिहार के मुख्यमंत्री व्यस्त हैं तो कभी खरगे जी व्यस्त हैं। उनके (नीतीश) यहां से फोन आया कि वह जनसभा में हैं, बात करेंगे।’’
रमेश ने यह भी कहा कि खरगे पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी से संपर्क कर चुके हैं और उन्हें पत्र भी लिख चुके हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार जी के निमंत्रण पर 23 जून को विपक्षी दलों की (पटना में) बैठक हुई थी…दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जहां गठबंधन को इंडिया नाम दिया गया…बेंगलुरु बैठक में नीतीश जी की भूमिका महत्वपूर्ण थी…मुंबई में हुई बैठक में भी बिहार के मुख्यमंत्री का योगदान महत्वपूर्ण था।
रमेश ने कहा कि इंडिया की बैठकों में नीतीश का भाजपा के खिलाफ कड़ा रुख रहा था।
पिछले तीन साल से भी कम समय में दूसरी बार पाला बदलने की ओर बढ़ रहे बिहार के मुख्यमंत्री कुमार की ओर सभी की निगाहें टिक गई हैं। लेकिन वह महागठबंधन के घटक दलों की अपील को नजरंदाज करते हुए इस उठा-पठक पर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं और हमेशा की तरह अपने काम में व्यस्त हैं।
मुख्यमंत्री कुमार ने शनिवार को दिन की शुरुआत शहर के पशु चिकित्सा कॉलेज मैदान में कई नये अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर की। इसके बाद उन्होंने एक प्रसिद्ध मंदिर के सौंदर्यीकरण परियोजना के उद्घाटन के लिए बक्सर का दौरा किया। यह कार्यक्रम पर्यटन विभाग का था और यह विभाग उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास है लेकिन वह इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि जब तक कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक ‘‘कोई भी औपचारिक घोषणा’’ नहीं की जायेगी।
भाजपा की बिहार इकाई के नेताओं ने राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को पटना में बैठक की।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अलग से पटना में पार्टी की बैठक की और कांग्रेस ने पूर्णिया में अपने विधायकों की बैठक बुलाई।
इस बीच बिहार में तेजी से हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिहार में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ और पार्टी से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। बघेल अन्य दलों से बात करने और पार्टी के भीतर स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को ही पटना जा रहे हैं।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश ने कहा कि नीतीश कुमार के फिर से राजग में जाने के कदम को राज्य की जनता शायद उचित नहीं माने और आगामी चुनाव में जनता निर्णय कर देगी।
उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि कांग्रेस विधायक पाला नहीं बदलेंगे और एकजुट रहेंगे।
प्रकाश ने कहा, ‘‘कोई कांग्रेस पार्टी का एक तिनका भी तोड़कर नहीं ले जा सकता। बल्कि वे अपना घर बचाएं, तो बेहतर है।
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