जून महीने के दौरान अटलांटिक महासागर में यह पहली बार है जब इतने शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान का सामना किया गया है. यह कुछ ही समय में पहले ‘श्रेणी 4’ और फिर ‘श्रेणी 5’ तक का तूफ़ान बना, और अपने साथ 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवा के झोंके लाया.
इस सप्ताह सोमवार सुबह, अमेरिका के टैक्सस प्रान्त में ‘श्रेणी 1’ तूफ़ान के रूप में टकराने तक यह कुछ धीमा पड़ चुका था, मगर फिर भी वहाँ ख़तरनाक ढंग से लहरें उठी और अचानक बाढ़ का जोखिम उपजा.
यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के मियामी केन्द्र के अनुसार, जैसे-जैसे यह तटीय इलाक़ों से प्रान्त के अन्य हिस्सों में आगे बढ़ेगा, इसके तेज़ी से कमज़ोर पड़ने की सम्भावना है.
सतर्कता ज़रूरी
WMO ने आगाह किया है कि आगामी महीने, चक्रवाती तूफ़ानों के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं, और नवम्बर महीने तक 25 तूफ़ान आने की आशंका है.
यूएन एजेंसी की उप महासचिव को बैरेट ने ध्यान दिलाया कि इस वर्ष अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने की ज़रूरत है. अटलांटिक चक्रवाती तूफ़ानों के पनपते वाले क्षेत्र में रिकॉर्ड स्तर पर महासागार का तापमान बढ़ा है, और ‘ला नीन्या’ परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई हैं, जिसकी वजह से बढ़ी हुई संख्या में तूफ़ान आने की आशंका है.
“इस वजह से,WMO और उसके साझेदार संगठनों ने, लघु द्वीपीय [देशों] में सर्वजन के लिए समय पूर्व चेतावनी कार्रवाई को प्राथमिकता दी है.”
जमैका में दुखद हालात
‘बेरिल’ के गुज़रने के बाद, जैसे-जैसे प्रभावित इलाक़ों से जानकारी मिल रही है, वैसे ही बर्बादी की तस्वीर स्पष्ट होती जा रही है.
जमैका में ‘बेरिल’ 3 जुलाई को स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे तटीय इलाक़े से टकराया. यूएन मानवतावादी टीमों ने बताया कि पेड़ों के उखड़ने, बाढ़ और ऊँची लहरों के उठने से 250 से अधिक सड़कों समेत अहम बुनियादी ढाँचे को नुक़सान पहुँचा है. अनेक घरों की छतें उड़ गई हैं.
यूएन की एक टीम ने कई इलाक़ों का दौरा किया है, जहाँ अनेक परिवारों को जल, भोजन, साफ़-सफ़ाई और पुनर्निर्माण सामग्री की आपूर्ति की ज़रूरत है. साथ ही उन्हें मनोसामाजिक समर्थन मुहैया कराया जाना होगा.
एक अनुमान के अनुसार, 37 हज़ार बच्चों समेत एक लाख 60 हज़ार लोगों को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
बड़े पैमाने पर बर्बादी
पूर्वी कैरीबियाई क्षेत्र में, चक्रवाती तूफ़ान ‘बेरिल’ ने 1 जुलाई को दस्तक दी थी, जहाँ बड़े पैमाने पर नुक़सान पहुँचने की ख़बर है.
मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने अपने एक बुलेटिन में बताया है कि प्रभावितों की सटीक संख्या का सही अनुमान लगा पाना एक चुनौती है – संचार व बिजली सेवाओं को काफ़ी नुक़सान पहुँचा है.
छोटी हवाई पट्टियों के क्षतिग्रस्त होने और छोटी नौकाओं पर निर्भरता के कारण, राहत अभियान संचालन में भी अवरोध हैं और क्षति का आकलन कर पाना और सहायता पहुँचाना कठिन है.
वहीं, ग्रेनाडा में कैरियाकू समेत अन्य उत्तरी इलाक़े बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं, और मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए सार्वजनिक परिवहन की सीमित व्यवस्था है.
उधर, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में यूनियन द्वीप भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. स्थानीय एजेंसियों ने, निर्बल हालात से जूझ रहे परिवारों के लिए पर्यटन केन्द्रों में आश्रय व्यवस्था की है और तूफ़ान से हुए नुक़सान का आकलन किया जा रहा है.
मानवीय राहत प्रयास
इस बीच, यूएन टीमों द्वारा आकलन व सहायता प्रयासों में, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय एजेंसियों को समर्थन मुहैया कराया जा रहा है.
यूएन आपदा व समन्वय की विशेषज्ञ टीमों को ग्रेनाडा और सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में तैनात किया गया है ताकि राहत कार्यों में सहायता प्रदान की जा सके.
जमैका में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने अपनी योजना को अन्तिम रूप देते हुए, बच्चों व प्रभावित परिवारों की तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, मानवतावादी दानदाताओं से सहायता धनराशि मुहैया कराने का अनुरोध किया है.
इसके समानान्तर, यूएन मानवतावादी समन्वयक के नेतृत्व में अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं ताकि आपात धनराशि के लिए साझा अपील तैयार की जा सके.