एक ओर जहां ऑडी (Audi) और वॉल्वो (Volvo) जैसी लग्जरी कार कंपनियां अपने पोर्टफोलियो से डीजल वाले मॉडलों को हटा रही हैं, वहीं मर्सिडीज बेंज इंडिया (Mercedes Benz India) ने अपनी प्रोडक्ट रेंज में डीजल कारों को बनाए रखने का फैसला किया है। मर्सिडीज बेंज इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया कि डीजल आधारित मॉडल तब तक बने रहेंगे, जब तक इनकी मांग रहेगी।
मर्सिडीज बेंज इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स) लैन्स बेनेट (Lance Bennett) ने बताया, ‘ हम आने वाले समय में डीजल इंजन कारों की बिक्री जारी रखेंगे और इस बारे में विकल्प चुनने का फैसला ग्राहकों पर छोड़ते हैं। हमारे पास सभी रेंज यानी ए क्लास से लेकर एस क्लास तक में डीजल वैरिएंट है। हम डीजल वैरिएंट का प्रोडक्शन जारी रखेंगे, क्योंकि यह ग्राहकों की पसंद है।’
दुनिया भर में ऑटो कंपनियां द्वारा डीजल से चलने वाली कारों का प्रोडक्शन बंद करने का प्रचलन बढ़ रहा है, क्योंकि इन कारों को ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले और रखरखाव के हिसाब से महंगा माना जाता है। भारत में मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) और होंडा कार्स इंडिया (Honda Cars India) जैसी कंपनियां कुछ साल पहले ही इस सेगमेंट से बाहर निकल चुकी हैं।
बेनेट ने बताया कि कंपनी की कुल सेल्स में डीजल पर चलने वाली गाड़ियों की हिस्सेदारी 55 पर्सेंट है। उन्होंने कहा, ‘हम इसका फैसला का ग्राहकों पर छोड़ते हैं और अपने हिसाब से अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो या प्रोडक्शन में बदलाव कर सकते हैं।’
S&P ग्लोबल मोबिलिटी में एसोसिएट डायरेक्टर (लाइट व्हीकल प्रोडक्शन फोरकास्ट) गौरव वंगाल ने बताया, ‘लग्जरी सेगमेंट में डीजल इंजन को एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ अपग्रेड करने का खर्च ग्राहकों पर ज्यादा असर नहीं डालता है, क्योंकि उनके पास इसके लिए पर्याप्त संसाधन होते हैं। लिहाजा, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू आदि लग्जरी कार कंपनियों के पास डीजल इंजन को बनाए रखने की आजादी है, बशर्ते वे सख्त मानकों का पालन करते हों।’
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