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गोल्ड में उछाल से आप इसमें निवेश करने जा रहे हैं? पहले ये बातें ठीक तरह से समझ लीजिए

इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो डायवर्सिफायड होने पर लंबी अवधि में कंस्ट्रेटेड पोर्टफोलियो के मुकाबले ज्यादा रिटर्न कमाने की संभावना होती है। कंस्ट्रेटेड पोर्टफोलियो का मतलब ऐसे पोर्टफोलियो से जिसमें निवेश सिर्फ एक या दो एसेट में पूरा निवेश होता है। डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो में निवेशकों का पैसा कई एसेट क्लास मसलन-इक्विटी, फिक्स्ड रिटर्न प्रोडक्ट्स और गोल्ड में लगा होता है। गोल्ड की कीमत 2,300 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई है। पहली बार गोल्ड का प्राइस इस लेवल पर पहुंचा है। इंडिया में गोल्ड का भाव 70,000 प्रति औंस के पार पहुंच गया है।

इस साल गोल्ड का रिटर्न अट्रैक्टिव

विंडमिल कैपिटल के सीनियर डायरेक्टर नवीन केआर ने कहा कि इस साल गोल्ड ने अब तक अच्छा रिटर्न दिया है। सोने ने 6 फीसदी रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 500 का रिटर्न करीब 4 फीसदी रहा है। नवीन ने कहा कि इस साल कई देशों में चुनाव होने वाले हैं। इस वजह से गोल्ड की चमक बने रहने की उम्मीद है। जब कभी दुनिया में अनिश्चितता होती है सोने की चमक बढ़ जाती है।

लंबी अवधि में इक्विटी का रिटर्न ज्यादा

गोल्ड, इक्विटी, बॉन्ड और रियल एस्टेट के लंबी अवधि के रिटर्न को देखने पर दिलचस्पी जानकारी मिलती है। लंबी अवधि में इक्विटी ने इनवेस्टर्स को सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। आइए पहले एक साल के रिटर्न को देखते हैं। 2023 में इक्विटी का रिटर्न 27 फीसदी रहा है। इसके मुकाबले गोल्ड का रिटर्न 13 फीसदी रहा। डेट ने 6.7 फीसदी रिटर्न दिया है। रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतें 3.8 फीसदी चढ़ीं। हमने यह भी देखा कि जब इक्विटी का रिटर्न कम या निगेटिव रहा तब गोल्ड ने अच्छा प्रदर्शन किया।

पोर्टफोलियो में 5-10 फीसदी गोल्ड जरूरी

सोने में नवंबर 2022 से तेजी दिख रही है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि बुरे वक्त में गोल्ड की चमक बढ़ जाती है। इसीलिए पोर्टफोलियो में कम से कम 5-10 फीसदी गोल्ड होना जरूरी है। मनी मंत्रा के फाउंडर विरल भट्ट ने कहा कि अगर आपके पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी कम है तो इसे बढ़ाकर 10 फीसदी तक करना जरूरी है। अब तो गोल्ड में निवेस के कई विकल्प आ गए हैं। जिन लोगों को फिजिकल गोल्ड में निवेश करना सुरक्षित नहीं लगता वे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

डायवर्सिफायड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो

भट्ट की सलाह है कि निवेशक 50-60 फीसदी पेसा इक्विटी में रख सकते हैं। हालांकि, जिस इनवेस्टर की रिस्क लेने की क्षमता कम है वह इक्विटी में इससे कम इनवेस्ट कर सकता है। फिक्स्ड इनकम में कम से कम 20-40 फीसदी निवेश होना चाहिए। रियल एस्टेट में 10-30 फीसदी निवेश किया जा सकता है। यह आपके फाइनेंशियल गोल और इनकम पर निर्भर करता है। लेकिन, गोल्ड में आपका निवेस सिर्फ 5-10 फीसदी होना चाहिए। इससे ज्यादा निवेश गोल्ड में करने का फायदा नहीं है।

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