शराब घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। केजरीवाल को ED कल PMLA कोर्ट में पेश करेगी। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को भी इसका अंदाजा नहीं था कि आज ही ED की टीम उनके घर पहुंच जाएगी। आज रात 9 बजे केजरीवाल ने अपने सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई थी। शायद केजरीवाल को ये लग रहा था कि ED की टीम कल उनके घर पहुंचेगी। लेकिन अब गिरफ्तार होने के बाद अरविंद केजरीवाल के पास क्या-क्या विकल्प बचे हैं, ये भी जनना जरूरी है।
अरविंद केजरीवाल के पास ये हैं विकल्प-
- अब गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के पास मौजूद क़ानूनी राहत के विकल्प बदल जाएंगे। दिल्ली सीएम की अब गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग वाली याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी। अब केजरीवाल को कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देना होगा।
- बताया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल पाएगी, इसकी संभावना नहीं है। उनके पास पहला क़ानूनी राहत का विकल्प होगा कि वो ज़मानत की अर्जी लगाएं। लेकिन जमानत के लिए उन्हें पहले निचली अदालत का रुख करना होगा।
- केजरीवाल के पास दूसरा विकल्प ये रहेगा कि वो गिरफ्तारी की प्रकिया पर सवाल उठाते हुए गिरफ्तारी को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दें। बता दें कि इन विकल्प को इससे पहले संजय सिंह ने आजमाया था। संजय सिंह की जमानत अर्जी निचली अदालत और HC से खारिज होने के बाद SC में पेंडिंग है। गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली संजय सिंह की दूसरी अर्जी भी HC से खारिज होने के बाद अब SC में पेंडिंग है।
PMLA को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पिछले दिनों दिए फैसले के मुताबिक ED को आरोपी को लिखित में बताना होता है कि गिरफ्तारी का आधार क्या है।
क्या है आबकारी नीति घोटाला?
गौरतलब है कि इसी मामले में पिछले हफ्ते, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को हैदराबाद स्थित उनके आवास से एजेंसी ने गिरफ्तार किया गया था जो अभी इसी मामले में 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन से संबद्ध है। हालांकि, बाद में यह नीति रद्द कर दी गई। आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी के आरोपपत्र में केजरीवाल के नाम का उल्लेख कई बार किया गया है। एजेंसी का आरोप है कि आरोपी आबकारी नीति बनाने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे।
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