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ग़ाज़ा युद्धविराम समझौते का ‘प्रथम अतिमहत्वपूर्ण क़दम’ के रूप में स्वागत

ग़ाज़ा युद्धविराम समझौते का ‘प्रथम अतिमहत्वपूर्ण क़दम’ के रूप में स्वागत

एंतोनियो गुटेेरश ने बुधवार को यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए, इस समझौते के लिए प्रयास करने वाले मध्यस्थों – मिस्र, क़तर और संयुक्त राज्य अमेरिका की सराहना की.

उन्होंने कहा, “एक कूटनैतिक समाधान तलाश करने के लिए उनकी अथक प्रतिबद्धता, यह समझौता सम्भव बनाने में बहुत महत्वपूर्ण रही है.”

यूएन प्रमुख ने सभी सम्बद्ध पक्षों से, इस समझौते को पूरी तरह से लागू किया जाना सुनिश्चित करने के लिए, अपनी प्रतिबद्धताओं को निभाने का भी आहवान किया है.

तकलीफ़ों को कम करें

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि उन्होंने हिंसा की शुरुआत से ही, तत्काल युद्धविराम और सभी बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई का आहवान किया है.

उन्होंने इस युद्ध के कारण होने वाली भारी पीड़ा को कम करने को प्राथमिकता दिए जाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र, युद्धविराम समझौते के कार्यान्वयन का समर्थन करने और मानवीय सहायता के निरन्तर वितरण को बढ़ाने के लिए तैयार है.

“यह ज़रूरी है कि यह युद्धविराम, ग़ाज़ा में सहायता पहुँचाने में दरपेश सुरक्षा और राजनैतिक बाधाओं को दूर करे ताकि हम तत्काल जीवनरक्षक मानवीय सहायता में बड़ी वृद्धि को सहारा दे सकें.”

उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि मानवीय स्थिति भयावह स्तर पर है.”

सहायता की अनुमति दें

यूएन महासचिव ने सभी पक्षों से तमाम ज़रूरतमन्द लोगों के लिए तेज़ी से, बिना किसी बाधा के और सुरक्षित तरीक़े से, मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करने का आहवान किया.

संयुक्त राष्ट्र अपनी ओर से, “जो कुछ भी मानवीय दायरे में सम्भव होगा वो करेगा, जबकि हम दरपेश आने वाली चुनौतियों और बाधाओं से बख़ूबी अवगत हैं.

‘व्यापक लक्ष्यों को आगे बढ़ाएँ’

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “यह समझौता एक महत्वपूर्ण पहला क़दम है, मगर हमें व्यापक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रयासों को एकजुट करना होगा, जिनमें इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र की एकता, निकटता और अखंडता का संरक्षण शामिल है.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस सम्बन्ध में, स्थाई शान्ति और स्थिरता हासिल करने के लिए फ़लस्तीनी एकता आवश्यक है, और एकीकृत फ़लस्तीनी शासन सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए.

यूएन प्रमुख ने कहा, “मैं पक्षों से, सभी सम्बन्धित भागीदारों से फ़लस्तीनियों, इसराइलियों और व्यापक क्षेत्र के लिए बेहतर भविष्य की ख़ातिर, एक विश्वसनीय राजनैतिक मार्ग स्थापित करने के लिए, इस अवसर का लाभ उठाने का आग्रह करता हूँ.”

उन्होंने इसराइली क़ब्ज़े को समाप्त करने और इसराइलियों व फ़लस्तीनियों के बीच बातचीत के ज़रिए दो-राष्ट्र समाधान हासिल करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.

खोई हुई ज़िन्दगियों को याद करें

एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी बात, इस युद्ध में मौत के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ समाप्त की, जिनमें संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी और मानवीय कार्यकर्ता भी शामिल हैं.

इसराइल ने, 7 अक्टूबर 2023 को अपने क्षेत्र पर हमास के नेतृत्व वाले हमलों के बाद ग़ाज़ा में सैन्य आक्रमण शुरू किया था.

इसराइल में हुए उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 250 लोगों को बन्धक बना लिया गया, जबकि लगभग 100 लोग अभी भी बन्धक हैं.

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इसराइली हमलों में अभी तक 46,000 से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए हैं.

UNRWA के वजूद ख़तरा

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA के अनुसार, ग़ाज़ा की आबादी लगभग 20 लाख है और उसमें से लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. यह एजेंसी अपने स्कूलों में बनाए गए अस्थाई आश्रय स्थलों में सैकड़ों-हज़ारों लोगों को पनाह दे रही है.

महासचिव ने बार-बार UNRWA को ग़ाज़ा पट्टी में राहत प्रयासों की “रीढ़” के रूप में रेखांकित किया है.

इस युद्ध में एजेंसी को भारी नुक़सान हुआ है क्योंकि इसके 265 कर्मचारी मारे गए हैं और इसकी सुविधाओं पर हमले हुए हैं.

युद्धविराम की यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़ल़स्तीनी क्षेत्र में, UNRWA के संचालन को समाप्त करने के उद्देश्य से, दो इसराइली क़ानून कुछ ही सप्ताहों के भीतर लागू होने वाले हैं.

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने, इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच दो-राष्ट्र समाधान पर, मंगलवार को ओस्लो में आयोजित एक बैठक में कहा कि “एजेंसी का पतन – चाहे तत्काल हो या कुछ देर से, ग़ाज़ा में अपार पीड़ा को और बढ़ा देगा.”

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