मध्य ग़ाज़ा के अल मवासी इलाक़े में हमलों के दौरान अनेक विस्थापित फ़लस्तीनियों के मारे जाने की ख़बर है. यूएन मानवतावादी कार्यालय ने दोहराया है कि आम नागरिकों की हर हाल में सुरक्षा की जानी होगी और उन्हें सुरक्षित इलाक़ों की ओर जाने की अनुमति मिलनी चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इसराइली प्रशासन ने उत्तरी ग़ाज़ा के कमाल अदवान और अल अवदा अस्पताल में यूएन मिशन के अनुरोध को ख़ारिज कर दिया है.
पिछले पाँच सप्ताह से उत्तरी ग़ाज़ा की इसराइली सेना ने घेराबन्दी की हुई है, जिसका गम्भीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों पर भयावह असर हुआ है.
मानवीय सहायता एजेंसियों को उत्तरी ग़ाज़ा गवर्नरेट में सभी गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है. बच्चों में कुपोषण के लिए उपचार उपलब्ध नहीं है और ना ही गर्भवती व स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए आहार है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने इस वर्ष के अन्त तक, कुपोषण से निपटने के लिए खाद्य सामग्री की आपूर्ति तैयार की है, जबकि विश्व खाद्य संगठन (WFP) ने 200 मीट्रिक टन की आपूर्ति उत्तरी व दक्षिणी ग़ाज़ा के लिए भेजी है
ग़ाज़ा में बर्बादी व मलबे का ढेर है. हज़ारों लोग बमबारी व अपनी जगह ख़ाली करने के आदेशों के बीच जान बचाने के लिए उत्तरी ग़ाज़ा छोड़कर भोजन व शरण की तलाश में जा रहे हैं.
पीड़ा, हताशा, बर्बादी
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) व साझेदार संगठनों के अनुसार, ज़रूरतमन्द आबादी तक भोजन व जल समेत जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए उनके अनुरोधों को अस्वीकार किया जा रहा है.
उत्तरी ग़ाज़ा में अराजकता, पीड़ा, हताशा, मौत व बर्बादी आम फ़लस्तीनियों के लिए एक दैनिक वास्तविकता बन गई है. एक सप्ताह पहले ही यहाँ अकाल का आसन्न संकट होने का ऐलर्ट जारी किया गया था.
यूएन मानवतावादी कार्यालय के अनुसार, ग़ाज़ा के लिए सभी संकेतक दर्शाते हैं कि वहाँ परिस्थितियाँ ग़लत दिशा में बढ़ रही हैं.
यूएन मानवतावादियों से राहत आपूर्ति पहुँचाने और लोगों को पीड़ा से उबारने की अपेक्षा है, मगर कर्मचारियों को ना तो वहाँ पहुँचने और ना ही सुरक्षा की गारंटी मिल पा रही है. “विस्थापन, ऊँचे स्तर पर है, और वहाँ पर किसी तरह मदद पहुँचाना सम्भव नहीं है.”
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों के अनुसार, ज़रूरी खाद्य सामग्री की क़िल्लत के बीच, वहाँ भुखमरी की आशंका प्रबल है और आम फ़लस्तीनियों में हताशा व्याप्त है.
खाद्य सामग्री की क़िल्लत
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने अपने एक ऐलर्ट में बताया कि ग़ाज़ा के बाज़ारों में हालात ख़राब हैं. ताज़ा भोजन, अंडे, माँस की उपलब्धता ना के बराबर है जबकि जो वस्तुएँ उपलब्ध हैं उनके दाम नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं.
कुछ ही दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट में खाद्य विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की थी कि उत्तरी ग़ाज़ा में मौजूदा हालात या तो अकाल की दहलीज को पार कर चुके हैं या फिर ऐसा जल्द होगा.
7 अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हमास व अन्य फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों हमले किए थे, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक को बन्धक बना लिया गया था. इसके बाद, इसराइली सेना की कार्रवाई में अब तक 43 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनियों की जान गई है और एक लाख से ज़्यादा घायल हुए हैं.