संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सोमवार को विश्व भर में मुस्लिमों के लिए पवित्र महीना – रमदान शुरू हो रहा है, जब वे शान्ति, आपसी मेलमिलाप और एकजुटता के मूल्यों का प्रसार करते हैं.
मगर, उन्होंने क्षोभ व्यक्त किया कि रमदान भले ही आरम्भ हो गया हो, ग़ाज़ा में जनहानि, बमबारी और रक्तपात जारी है.
महासचिव ने ध्यान दिलाया कि इसराइल में हमास के आतंकी हमले और उसके बाद ग़ाज़ा में इसराइल द्वारा शुरू की गई विनाशकारी कार्रवाई, अब अपने छठे महीने में प्रवेश कर चुकी है.
“आज मेरी एक मज़बूत अपील है कि बन्दूकों को शान्त करके, ज़रूरी गति से और विशाल स्तर पर जीवनरक्षक सहायता के रास्ते से, सभी बाधाओं को हटाते हुए रमदान की भावना का सम्मान किया जाए.”
यूएन प्रमुख ने कहा कि उन सभी लोगों की रिहाई की जानी होगी जिन्हें 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के नेतृत्व में हुए हमलों में बंधक बना लिया गया था.
उन्होंने कहा कि महीने-दर-महीने, जिस स्तर पर ग़ाज़ा में आम लोगों की मौत और विध्वंस हुआ है, वैसे उनके महासचिव के कार्यकाल में अभूतपूर्व है.
उनके अनुसार ग़ाज़ा में फ़लस्तीनियों के लिए जीवनरक्षक मदद टुकड़ों में पहुँच रही है, जबकि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून की धज्जियाँ उड़ चुकी हैं. “दुनिया की नज़रें हमें देख रही हैं. इतिहास की निगाहें हमें देख रही हैं. हम अपना मुँह नहीं फेर सकते हैं.”
यूएन प्रमुख ने मौतों के सिलसिले को रोकने के लिए तत्काल क़दम उठाने पर बल दिया.
एंतोनियो गुटेरेश ने युद्धरत पक्षों से युद्ध पर विराम लगाने की अपनी दोहराते हुए बताया कि उन्होंने हाल ही में न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पीड़ितों के परिवारों से मुलाक़ात की थी, और उनका भी यही आग्रह था.
“जैसाकि एक परिवारजन ने कहा, ‘हम यहाँ शोक संवेदना के लिए नहीं है. हम यहाँ माफ़ी के लिए भी नहीं हैं. हम यहाँ तत्काल कार्रवाई के लिए आए हैं.’
शान्ति की घड़ी
यूएन महासचिव ने सूडान में भी रमदान के अवसर पर हिंसक टकराव को रोकने की अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि सूडान की जनता भूख और ऐसी मुश्किलों से जूझ रही है, जिन्हें बयान नहीं किया जा सकता है.
“ग़ाज़ा, सूडान और उनसे परे भी, यह समय शान्ति के लिए है. मैं हर स्थान पर राजनैतिक, धार्मिक व सामुदायिक नेताओं का आहवान करता हूँ कि वे अपनी सामर्थ्य अनुसार, इस पवित्र अवधि को करुणा, कार्रवाई और शान्ति का समय बनाने के लिए हरसम्भव प्रयास करें.”
महासचिव ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना होगा कि रमदान से परे, कुछ ही समय में ईसाई आबादी ईस्टर और यहूदी, अप्रैल महीने में ‘पासओवर’ मनाएंगे.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने ज़ोर दिया कि यह इस भयावह पीड़ा का अन्त करने का समय होना चाहिए और ऐसा करने का क्षण यही है.
अस्पतालों पर बोझ
इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को युद्धविराम की पुकार दोहराते हुए कहा था कि इस सप्ताहान्त, उत्तरी ग़ाज़ा के दो अस्पतालों में उसकी टीम पहुँची थी.
यूएन एजेंसी दल ने अस्पतालों में जीवनरक्षक सामग्री की आपूर्ति की, जिनमें 150 मरीज़ों के लिए चिकित्सा सामान, अल-अहिल अरब अस्पताल के लिए 13 हज़ार लीटर ईंधन और अल-सहाबा अस्पताल के लिए 12 हज़ार लीटर ईंधन है.
मगर, मेडिकल टीम को अपना कामकाज करने में कई ज़रूरी सामग्री का अभाव है, जिनमें भोजन, ईंधन, विशेषीकृत कर्मचारी, बेहोश करने की दवा, एंटीबायोटिक्स समेत अन्य दवाएँ शामिल हैं.
इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों तक पहुँच सुनिश्चित किए जाने की अपील की है, ताकि नियमित रूप से ज़रूरमन्द अस्पतालों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाई जा सके.