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ग़ाज़ा में मानवीय युद्धविराम की ख़ातिर हिम्मत नहीं छोड़ेंगे, गुटेरेश

ग़ाज़ा में मानवीय युद्धविराम की ख़ातिर हिम्मत नहीं छोड़ेंगे, गुटेरेश

एंतोनियो गुटेरेश ने क़तर में दोहा फ़ोरम में कहा, “अन्तरराष्ट्रीय विवादों के शान्तिपूर्ण समाधान के लिए प्रमुख मंच (सुरक्षा परिषद) भू-रणनैतिक विभाजनों के कारण पंगु हो गई है.” 

यूएन प्रमुख ने ये बात, शुक्रवार को सुरक्षा परिषद में रखे गए प्रस्ताव के सन्दर्भ में कही जो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) द्वारा वीटो कर दिए जाने का कारण पारित नहीं हो सका था. 

उस प्रस्ताव में ग़ाज़ा में तत्काल एक मानवीय युद्धविराम लागू किए जाने का आग्रह किया गया था.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “मैंने सुरक्षा परिषद से मानवीय तबाही को रोकने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया और मैंने मानवीय युद्धविराम घोषित करने की अपनी अपील दोहराई.”

उन्होंने क़तर में वैश्विक मंच पर, सामूहिक सुरक्षा और अन्य चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एकत्र विश्व नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा, “अफ़सोस की बात है कि सुरक्षा परिषद ऐसा करने में विफल रही लेकिन इससे यह (मानवीय युद्धविराम) कम आवश्यक नहीं हो जाता. इसलिए, मैं वादा करता हूँ कि मैं हार नहीं मानूंगा.”

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद एक अड़ियल और जड़ संस्था बन चुकी है, जहाँ स्थाई सदस्यों – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच मतभेदों के बीच, केवल एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें जिसमें संकीर्ण रूप से केवल सहायता वितरण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है. ऐसे में सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता है.

‘समानता और एकजुटता’ ज़रूरी

यूएन प्रमुख ने कहा, “हमें समानता और एकजुटता में निहित और संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अंतरराष्ट्रीय क़ानून के आधार पर वैश्विक संरचनाओं को समयानुरूप संशोधित करने के लिए एक गम्भीर प्रयास की आवश्यकता है.”

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के भीतर मौजूद मतभेद, “यूक्रेन से म्यांमार और मध्य पूर्व तक समाधानों को कमज़ोर कर रहे हैं.”

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इसराइल में किए गए भीषण आतंकी हमलों और उसके बाद इसराइल द्वारा ग़ाज़ा पर “निरम्तर भीषण बमबारी” के बीच, केवल एक ही प्रस्ताव सामने आया है जिसका मैं स्वागत करता हूँ. लेकिन उसमें हुई देरी की भारी क़ीमत चुकानी पड़ी है”.

“और वह प्रस्ताव भी लागू नहीं किया जा रहा है”.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी – UNRWA के प्रमुख फ़िलिप लज़ारिनी ने क़तर में दोहा फ़ोरम को सम्बोधित करते हुए कहा कि फ़लस्तीनियों के साथ अमानवीय बर्ताव से, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने, ग़ाज़ा पर इसराइल की निरन्तर बमबारी को सहन किया है, जिसके कारण 7 अक्टूबर के बाद से वहाँ 17 हज़ार से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं.

फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा, “इसमें कोई सन्देह नहीं है कि अगर हम ग़ाज़ा में इस समय, पृथ्वी पर नरक के समान हालात को समाप्त करना चाहते हैं, तो एक मानवीय युद्धविराम की आवश्यकता है.”

कमज़ोर वैश्विक शासन

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि ऐसे में जबकि ‘विखंडन की अन्य ताक़तें’ के साथ मिलकर अपना धरातल मज़बूत कर रही हैं तो, खाइयों को पाटने और वैश्विक चुनौतियों के लिए साझा समाधान खोजने का समय है. सुरक्षा परिषद से से परे की बात करें तो वैश्विक शासन, अस्तित्व सम्बन्धी दो ख़तरों का प्रबन्धन करने में विफल हो रहा है.

सबसे पहले, जलवायु आपदा पर, उन्होंने कहा कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु न्याय सुनिश्चित करने के लिए कहीं अधिक महत्वाकांक्षा की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, “वादों और वचनों के बावजूद, हमारी जलवायु ख़राब स्थिति में है. उत्सर्जन सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है. और जीवाश्म ईंधन एक प्रमुख कारण है,” 

“नवीकरणीय ऊर्जा सस्ती, स्वच्छ और अनन्त है,” और पर्यावरण को विषाक्त बनाए बिना और यह ऊर्जा, हमारे ग्रह का दम घोंटे बिना, दुनिया की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा कर सकती है.

उन्होंने जीवाश्म ईंधन कम्पनियों और उनके समर्थकों से नवीकरणीय क्रान्ति का नेतृत्व करने के लिए, अपने विशाल संसाधनों का उपयोग करने का आग्रह किया. और इसी तरह दुबई में COP28 में नेताओं से 1.5-डिग्री की सीमा के अनुरूप उत्सर्जन में गहरी कटौती पर सहमत होने का आग्रह किया.

महासचिव ने कहा, “यह न केवल जलवायु स्थिरता, बल्कि आर्थिक स्थिरता का एकमात्र रास्ता है.”

बहुपक्षीय विकास बैंकों को अपने व्यवसाय मॉडल को बदलना होगा और विकासशील देशों को, जलवायु कार्रवाई और सतत विकास लक्ष्यों में निवेश करने के लिए उचित लागत पर, कहीं अधिक निजी वित्त का लाभ उठाना होगा.

दूसरा, उन्होंने नई प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न ख़तरे पर प्रकाश डाला और कहा कि जैनरेटिव एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान कर सकती है, लेकिन पर्याप्त विनियमन के अभाव में, “यह हमें गहरे और संकटग्रस्त पानियों में पहुँचा देगी.”

एंतोनियो गुटेरेश ने आगे कहा, “ये प्रौद्योगिकियाँ एक बेहतर प्रशासन की मांग कर रही हैं.”

उन्होंने अफ़सोस जताया कि एआई पहले से ही घृणास्पद भाषा (Hate Speech) और विभाजन को बढ़ावा दे रही है, डेटा संचयन और बड़े पैमाने पर निगरानी को सक्षम कर रही है, और विशाल असमानताओं को बढ़ी रही है.

उन्होंने समाधानों की खोज को आगे बढ़ाने में मदद के लिए, एआई पर एक बहु-हितधारक उच्च-स्तरीय सलाहकार निकाय नियुक्त किया है जो इस वर्ष के अन्त तक प्रारम्भिक सिफ़ारिशें पेश करेगा. इसकी बैठक पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क में हुई थी.

भविष्य का शिखर सम्मेलन

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक शासन में सुधार, सार्वभौमिक घोषणा और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के स्थाई मूल्यों पर आधारित होना चाहिए.

इस सन्दर्भ में सितम्बर 2024 में होने वाला भविष्य शिखर सम्मेलन, इन महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए पीढ़ी में एक बार मिलने वाला अवसर है.

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