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ग़ाज़ा में बदतर होती मानवीय त्रासदी पर चेतावनी, युद्धविराम वार्ता भी जारी

ग़ाज़ा में बदतर होती मानवीय त्रासदी पर चेतावनी, युद्धविराम वार्ता भी जारी

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोमवार को न्यूयॉर्क में नियमित प्रैस वार्ता में बताया है कि यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, रविवार को क़तर के प्रधानमंत्री के साथ बातचीत भी की है.

प्रवक्ता ने बताया कि क़तर के प्रधानमंत्री ने यूएन प्रमुख को ताज़ा स्थिति की जानकारी दी है और उन्हें लगातार नवीन जानकारी से अवगत कराया जाता रहेगा.

इस बातचीत को मिस्र, क़तर और संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन हासिल है. बीते सप्ताह यह बातचीत दोहा में हुई थी जिसमें इन तीन देशों और इसराइल ने शिरकत की. यह बातचीत इस सप्ताह बुधवार या गुरूवार को काहिरा में फिर शुरू होने की सम्भावना है.

प्रवक्ता ने बताया कि महासचिव को बहुत आशा है कि सभी सम्बद्ध पक्ष, ग़ाज़ा के लोगों की भलाई की ख़ातिर, इसराइल के लोगों की भलाई की ख़ातिर, बन्धकों की भलाई की ख़ातिर, किसी समझौते पर राज़ी होने के लिए, राजनैतिक साहस, राजनैतिक इच्छाशक्ति दिखाएंगे.

त्रासदीपूर्ण स्थिति

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि ग़ाज़ा में पहले से त्रासदीपूर्ण हालात और भी बदतर हो रहे हैं जिसमें लोगों का बार-बार विस्थापन हो रहा है, आश्रय स्थलों पर भारी भीड़ है, हालात बेहद असुरक्षित हैं, बुनियादी ढाँचा तबाह हो गया है, युद्ध जारी और सेवाएँ बहुत सीमित रह गई हैं.

ग़ाज़ा में 7 अक्टूबर से इसराइल की भीषण व लगातार बमबारी हो रही है. 7 अक्टूबर को ही हमास और अन्य फ़लस्तीनी सशस्त्र गुटों ने इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में आतंकवादी हमला किया था जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था. 

9 अगस्त तक, 115 लोग हमास और अन्य फ़लस्तीनी गुटों की हिरासत में बाक़ी बचे थे. अन्य बन्धकों को मृत घोषित कर दिया गया है.

उसके बाद ग़ाज़ा में इसराइली भीषण बमबारी में 40 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएँ और बच्चे हैं.

इसके अतिरिक्त ग़ाज़ा की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी विस्थापित है, जिसमें बहुत से लोगों को तो बार-बार विस्थापित होना पड़ा है.

हर जगह लगातार बढ़ती भीड़

प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने आगाह किया है कि जारी युद्धक गतिविधियों, ग़ाज़ा के लोगों को इसराइल के लगातार बेदख़ली आदेशों, और आवश्यक सेवाओँ की लगातार क़िल्लत ने, विस्थापित परिवारों की ज़िन्दगी बहुत मुश्किल बना दी है.

प्रवक्ता ने कहा कि अक्टूबर (2023) से, ग़ाज़ा पट्टी के लगभग 86 प्रतिशत इलाक़े में इसराइल के बेदख़ली आदेश लागू रहे हैं.

उन्होंने कहा, “जैसाकि आप जानते होंगे, ग़ाज़ा की बहुत बड़ी आबादी, अल मवासी में इसराइल द्वारा घोषित तथाकथित सुरक्षित क्षेत्र में एकत्र हो रही है, जहाँ फ़लस्तीनी लोगों को जाने के लिए कहा गया है.”

OCHA के अनुसार लोगों का घनत्व 30 हज़ार से 34 हज़ार के दरम्यान प्रति वर्ग किलोमीटर हो गया है, जबकि युद्ध से पहले यह आँकड़ा लगभग 1,200 जन प्रति वर्ग किलोमीटर था.

ईंधन की भारी क़िल्लत

OCHA ने सोमवार को बताया है कि ग़ाज़ा में ईंधन और चिकित्सा सामग्री की भारी क़िल्लत है, जिसके कारण अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुचारू रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं.

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