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‘ग़ाज़ा में क़हर का एक और दिन’: स्कूल पर इसराइल के भीषण हमलों की निन्दा

‘ग़ाज़ा में क़हर का एक और दिन’: स्कूल पर इसराइल के भीषण हमलों की निन्दा

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय – OHCHR ने एक वक्तव्य में बताया है कि अल तबीन स्कूल के भीतर एक मस्जिद पर इसराइली सेना ने शनिवार को तड़के साढ़े चार बजे, “कम से कम तीन बार” हमला किया.

मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि ये हमले “बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों के हताहत होने की आशंकाओं को नज़रअन्दाज़” करते हुए किए गए हैं”.

एक शुरुआती रिपोर्ट में दिखाया गया है कि इन हमलों में कम से कम 93 लोग मारे गए हैं, जिनमें 11 बच्चे और छह महिलाएँ भी हैं.

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ग़ाज़ा में जारी युद्ध में 7 अक्टूबर और 8 अगस्त के दरम्यान, कम से कम 39 हज़ार 699 फ़लस्तीनी मारे गए है और 91 हज़ार 722 से अधिक घायल हुए हैं.

ग़ाज़ा की 23 लाख आबादी का 90 प्रतिशत हिस्सा विस्थापित है, और उनमें से बहुत से लोगों को तो बार-बार विस्थापित होना पड़ा है.

ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास और कुछ अन्य फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में आतंकवादी हमले किए थे, जिसमें कम से कम 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था. 

उन बन्धकों में से लगभग 100 लोग अब भी रिहा होने की प्रतीक्षा में हैं. इस बीच ग़ाज़ा युद्ध को ख़त्म करने के लिए बातचीत जारी रहने की भी ख़बरें हैं.

स्कूलों को निशाना नहीं बनें

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी  UNRWA के मुखिया फ़िलिपे लज़ारिनी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दोहराया है कि स्कूल, यूएन ठिकाने और बुनियादी ढाँचा, हमलों का निशाना नहीं होने चाहिए.

उन्होंने लिखा है, “ग़ाज़ा में क़हर का एक और दिन, एक और स्कूल पर हमला जिसमें महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों सहित, बहुत से लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं.”

फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा है कि युद्ध के सभी पक्षों को, स्कूलों और अन्य नागरिक ठिकानों का प्रयोग, सैन्य या युद्ध के उद्देश्यों के लिए नहीं करना चाहिए और सभी पक्षों को आम लोगों व नागरिक ढाँचे की हर समय सुरक्षा करनी होगी.

उन्होंने कहा, “हमारी आँखों के सामने जो ये तबाही मच रही है, उसे बन्द होना होगा. हम असहनीय स्थिति को एक नई सामान्य स्थिति नहीं बनने दे सकते हैं. जितनी बार ऐसा होता रहेगा, हम उतनी ही अपनी सामूहिक मानवता खोते रहेंगे.”

जुलाई से स्कूलों पर 21वाँ हमला

यूएन मानवाधिकार कार्यालय – OHCHR ने कहा कि शनिवार को इस स्कूल पर हुए इसराइली हमलों में हताहत होने वाले अधिकतर वो लोग थे जो मस्जिद के भीतर सुबह तड़के की नमाज़ अदा कर रहे थे. इन हमलों में बहुत से लोग घायल भी हुए हैं जिनमें अधिकतर बच्चे, महिलाएँ और वृद्धजन हैं.

कार्यालय ने बताया है कि स्कूलों पर गत 4 जुलाई से यह कम से कम 21वाँ इसराइली हमला है और ये जितने भी हमले हुए हैं, वो स्कूल आश्रय स्थल के रूप में काम कर रहे थे. इन इसराइली हमलों में कम से कम 274 लोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी थे.

OHCHR का कहना है कि इसराइली सेनाओं के इन दावों कि आम लोगों को कम से कम नुक़सान पहुँचाने के लिए सभी सम्भव उपाय किए गए, आश्रय स्थलों पर बार-बार हमले किया जाना, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत इसराइल की ज़िम्मेदारियों को निभाने में नाकामी को दर्शाता है. ध्यान रहे कि इन आश्रय स्थलों में वो आबादी पनाह ले रही है जो युद्ध के कारण अनेक स्थानों से बेदख़ल हुई है.

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