संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की प्रमुख सिंडी मैक्केन ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) और संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी – WHO के प्रमुखों द्वारा समर्थित एक अपील में कहा है, “ग़ाज़ा में लोग भोजन से भरे ट्रकों से कुछ ही दूरी पर भूख से मरने के जोखिम का सामना कर रहे हैं.”
संयुक्त राष्ट्र और सहायता साझीदार एजेंसियाँ, हर दिन ग़ाज़ा के अन्दर लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, क्योंकि इसराइल ने हमास के नेतृत्व वाले चरमपंथी हमलों के जवाब में ग़ाज़ा पट्टी पर लगभग पूर्ण नाकाबन्दी लागू कर दी है.
संयुक्त राष्ट्र की अपील में कहा गया है, “केवल मानवीय सहायता से, ग़ाज़ा के लोगों की आवश्यक ज़रूरतों को पूरा नहीं किया जा सकता है.”
सिंडी मैक्केन ने ज़ोर देकर कहा कि सहायता वितरण को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, जहाँ ग़ाज़ा की पूरी आबादी जीवित रहने के लिए सहायता पर निर्भर है.
गँवाने के लिए समय नहीं
डब्ल्यूएफपी की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने कहा, “हर एक घंटे की समय बर्बादी, अनगिनत जिन्दगियों को ख़तरे में डालती है.”
“हम अकाल को दूर रख सकते हैं, लेकिन केवल तभी जब हम पर्याप्त सहायता सामग्री की आपूर्ति कर सकें और हर जरूरतमन्द व्यक्ति तक सुरक्षित पहुँच बना सकें, चाहे वे कहीं भी हों.”
नवम्बर 2023 के अन्त में अस्थाई मानवीय युद्धविराम के बाद गुरूवार को, ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में, WFP के पहले खाद्य क़ाफ़िले ने लगभग 8 हज़ार लोगों के लिए भोजन की आपूर्ति की है.
इन तीन एजेंसियों ने अपनी आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है:
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नए प्रवेश मार्ग खोले जाएँ;
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प्रत्येक दिन सीमा जाँच के ज़रिए से अधिक ट्रकों को अनुमति दी जाए;
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मानवीय सहायता कर्मियों की आवाजाही पर कम प्रतिबन्ध सुनिश्चित हों;
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सहायता तक पहुँचने और वितरित करने वाले लोगों की सुरक्षा की गारंटी दी जाए.
ग़ाज़ा में किए गए नवीनतम अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खाद्य असुरक्षा आकलन से संकेत मिलता है कि लगभग 22 लाख लोग संकट में हैं या तीव्र खाद्य असुरक्षा के बदतर स्तर पर हैं.
भोजन की ख़ुराक का त्याग
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने कहा, “ग़ाज़ा में लगभग सभी फ़लस्तीनी व्यक्ति को हर दिन भोजन ख़ुराक छोड़नी पड़ रही है, जबकि बहुत से वयस्क लोग इसलिए भूखे रहते हैं ताकि उनके बच्चे भोजन खा सकें.”
यूनीसेफ़ ने गम्भीर कुपोषण के इलाज के लिए क्षतिग्रस्त आवश्यक पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे और सेवाओं के अपेक्षित परिणाम के बारे में गम्भीर अनुमान जारी किए हैं.
यूनीसेफ़ ने कहा है कि ग़ाज़ा के पाँच साल से कम उम्र के लगभग 3 लाख 35 हज़ार बच्चे “बहुत कम वज़न वाले विशेष रूप से कमज़ोर” हैं.
एजेंसी का कहना है कि अगले कुछ सप्ताहों में, बाल कमज़ोरी, बच्चों में कुपोषण का सबसे जानलेवा रूप, संकट-पूर्व की स्थिति से लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. जिससे लगभग 10 हज़ार अतिरिक्त बच्चे प्रभावित होंगे.
यूनीसेफ़ के कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा है, “कुपोषण और बीमारी से मौत के मुँह में चले जाने के उच्च जोखिम वाले बच्चों को चिकित्सा उपचार, स्वच्छ पानी और स्वच्छता सेवाओं की सख़्त ज़रूरत है, लेकिन ज़मीनी हालात हमें जरूरतमन्द बच्चों और परिवारों तक सुरक्षित रूप से पहुँचने की अनुमति नहीं देते हैं.”
उन्होंने कहा, “जिन सामग्रियों की हमें मरम्मत और जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए सख़्त ज़रूरत है उनमें से कुछ को ग़ाज़ा में प्रवेश करने से प्रतिबन्धित किया गया है. बच्चों और उनके परिवारों का जीवन अधर में लटक गया है. हर मिनट मायने रखता है.”
हमले और झड़पें जारी
उधरसंयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय – OCHA ने कहा रविवार को कहा कि ग़ाज़ा पट्टी के अधिकांश क्षेत्र में, आम लोगों को इसराइली बमबारी और ज़मीनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है.
एजेंसी ने युद्ध में 12 से 14 जनवरी के बीच कथित तौर पर 260 फ़लस्तीनियों की मौतें होने और अन्य 577 लोगों के घायल होने की ख़बर दी है.
यूएन एजेंसी ने इसराइल में फ़लस्तीनी चरमपंथियों द्वारा नए सिरे से रॉकेट हमले का भी उल्लेख किया.