ग़ौरतलब है कि सुरक्षा परिषद द्वारा सोमवार को, ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित होने के बावजूद, युद्ध जारी है. यूएन सहायता एजेंसियों ने विशेष अपीलें की हैं कि उस प्रस्ताव का तुरन्त सम्मान करते हुए उसे लागू किया जाए, ताकि और अधिक मौतों को रोका जा सके.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ के प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह से बताया है कि ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इसराइली बमबारी में अभी तक 13 हज़ार 750 बच्चे मारे गए हैं.
जेम्स ऐल्डर ने कहा कि बीती रात युद्ध में, दोहरे अंकों में बच्चों की मौतें हुई हैं और ये मौतें, सुरक्षा परिषद द्वारा युद्धविराम की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद हुई हैं.
ख़ान यूनिस का वजूद ख़त्म
यूनीसेफ़ प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने कहा कि ग़ाज़ा का दक्षिणी शहर – ख़ान यूनिस का वजूद अब मामूली ही बचा है. उन्होंने बताया कि इसराइल की लगातार बमबारी में इतने बच्चों और परिवारों की मौतें हुई हैं कि उनके बारे में जानकारी लगाना मुश्किल है क्योंकि वो अपने ही घरों के मलबे में दब गए हैं.
जेम्स ऐल्डर ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के साथ मेरी 20 वर्षों की सेवा के दौरान, मैंने इतना विध्वंस और विनाश नहीं देखा है, यह बिल्कुल तबाही और बर्बादी है और मैं जहाँ भी देखता हूँ, हर तरफ़ मलबा नज़र आता है.”
उन्होंने बताया कि ख़ान यूनिस में स्थित नासेर अस्पताल, अब मुश्किल से ही काम करने लायक बचा है, जबकि ये अस्पताल युद्ध में ज़ख़्मी होने वाले बच्चों को बहुत अहम चिकित्सा सहायता मुहैया कर रहा था. उन्होंने बताया कि ग़ाज़ा के केवल एक तिहाई अस्पतालों में, आंशिक रूप से काम हो पा रहा है.
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