युद्धविराम की पुकार
यूएन महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने बैठक का आरम्भ करते हुए कहा कि 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से, इस विश्व निकाय और सुरक्षा परिषद का ये सर्वोच्च कर्तव्य है कि वो पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाएँ.
उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से ग़ाज़ा संकट को समाप्त करने के लिए बिना देरी के, कार्य करने का आहवान किया है.
उन्होंने पिछले सप्ताह ग़ाज़ा शहर के पश्चिमी इलाक़े में, सहायता सामग्री के वितरण के दौरान, सैकड़ों लोगों की मौतें होने और अनेक अन्य लोगों के घायल होने की सूचना पर गम्भीर चिन्ता और दुख व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि ये घटना ऐसे समय में हुई जब पहले से मृतक संख्या बढ़ रही है, बच्चे भूख से मर रहे हैं, और ग़ाज़ा की 85 प्रतिशत आबादी – यानि लगभग 19 लाख लोग, ग़ाज़ा के भीतर ही विस्थापित हो गए हैं.
महासभा अध्यक्ष ने कहा कि वो, रफ़ाह में आशंकित इसराइल के ज़मीनी सैन्य हमले के बारे में अत्यधिक चिन्तित हैं, जहाँ इस समय लगभग 15 लाख मिलियन लोग रह रहे हैं. उन्होंने निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए तत्काल अधिकतम संयम बरतने की पुकार भी लगाई है.
डेनिस फ़्रांसिस ने कहा कि मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति पर इसराइली प्रतिबन्धों ने, जीवनरक्षक सहायता के प्रवाह को बहुत कम कर दिया है.
मानवीय सहायता का स्तर बढ़ाने की दरकार
फ़लस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी – UNRWA ने जनवरी से फ़रवरी तक प्रतिदिन ग़ाज़ा में प्रवेश करने वाले सहायता ट्रकों की संख्या में, 50 प्रतिशत की कमी होने की ख़बर दी है.
उन्होंने कहा, “इसलिए यह अत्यावश्यक है कि हम मानवीय सहायता अभियानों का पैमाना तेज़ी से और पर्याप्त रूप से बढ़ाएँ और सभी जरूरतमन्द लोगों तक निर्बाध पहुँच सुनिश्चित करें.”
उन्होंने कहा कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि एक तत्काल मानवीय युद्धविराम लागू किया जाना होगा और सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून में, आम लोगों और बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा से सम्बन्धित, अपने दायित्वों का पालन करना होगा.
इसके अलावा, सभी बन्धकों को तुरन्त और बिना शर्त रिहा किया जाना होगा, और जरूरतमन्द लोगों तक मानवीय सहायता तक पूर्ण और अबाधित पहुँच सुनिश्चित की जानी होगी.
यूएन महासभा, इस मामले पर ऐसी एक व्यवस्था के तहत चर्चा कर रही है जिसमें सुरक्षा परिषद में वीटो के उपयोग की जाँच व समीक्षा की जाती है. इस व्यवस्था के तहत, किसी मामले में वीटो का प्रयोग होने पर उस मुद्दे पर यूएन महासभा का विशेष आपातकालीन सत्र बुलाया जा सकता है.
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