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ग़ाज़ा के विध्वंसक युद्ध में अभी तक का सबसे बड़ा विस्थापन

विश्व खाद्य कार्यक्रम –WFP ने भी इस बीच उन लोगों की स्थिति के बारे में गम्भीर चिन्ताएँ व्यक्त की हैं जिन्हें अपने आश्रय स्थलों और घलों से जबरन बेदख़ल होना पड़ा है.

यूएन खाद्य सहायता एजेंसी ने आगाह किया है कि ज़रूरतमन्द लोगों तक जीवनरक्षक खाद्य सामग्री पहुँचाने, पहले से और भी अधिक कठिन हो गया है.

एजेंसी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है, “बहुत से खाद्य सामग्री वितरण केन्द्रों को बन्द करना पड़ा है. केवल कुछ बेकरियाँ ही काम कर पा रही हैं.”

WFP ने कहा है कि ग़ाज़ा में इसराइली सेना की कार्रवाई के कारण, खाद्य वितरण केन्द्रों को या तो बन्द करना पड़ रहा है औ फिर उन्हें अन्य स्थानों पर ले जाना पड़ रहा है. 

एजेंसी ने ऐसे में तत्काल खाद्य सामग्री वितरण में बढ़ोत्तरी और तैयारशुदा भोजन ख़ुराकें मुहैया कराने की क्षमता में बढ़ोत्तरी किए जाने की पुकार लगाई है.

खाद्य सामग्री में कटौती

जुलाई महीने में अभी तक, WFP ने ग़ाज़ा में छह लाख से अधिक लोगों को खाद्य सहायता मुहैया कराई है, और पाँच लाख से अधिक लोगों तक खाद्य पैकेट व गेहूँ का आटा पहुँचाया है.

संयुक्त राष्ट्र के राहत समन्वय मामलों की एजेंसी – OCHA ने ग़ाज़ा सिटी में खाद्य सामग्री वितरण की मात्रा में और भी अधिक कटौती करने की ख़बर दी है ताकि नए सिरे से विस्थापित हुए लोगों तक कुछ खाद्य सामग्री पहुँचाई जा सके.

एजेंसी ने यह भी ख़बर दी है कि इसराइली सेना ने बुधवार को, तमाम सहायता अभियानों को वादी ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से की तरफ़ जाने से रोक दिया है. यह एक नदी घाटी है जो ग़ाज़ा पट्टी के पूरे इलाक़े को दो हिस्सों में बाँटती है.

खाद्य सामग्री पहुँच से परे

OCHA ने ध्यान दिलाया है कि इस स्थिति का मतलब है कि मानवीय सहायताकर्मी लाखों ज़रूरतमन्द लोगों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं. इस स्थित के कारण, मानवीय सहायताकर्मियों के लिए, पश्चिमी प्रवेश द्वार इरेज़ से, खाद्य सामग्री प्राप्त करना असम्भव हो गया है. यह ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े और इसराइल के बीच सीमा चौकी है जिसे बेइत लहिया के नाम से भी जाना जाता है.

संयुक्त राष्ट्र के सहायता कार्यालय ने ग़ाज़ा के उत्तरी और दक्षिणी इलाक़ों को अलग करने वाली इसराइली सेना की सड़क के आसपास, सैन्य गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने की अनेक ख़बरों का ज़िक्र किया है.

केवल बुधवार को ही, ग़ाज़ा सिटी के दियर अल बलाह गवर्नरेट से लगभग 450 लोग, दक्षिणी इलाक़े में आगे जाने के लिए निकले, जबकि उससे पिछले पूरे सप्ताह के दौरान यह संख्या 1,000 थी.

यूएन राहत समन्वय एजेंसी का कहना है, “इन हालिया विस्थापितों में से कुछ ने सहायताकर्मियों को बताया कि इसराइली सेनाओं ने इलाक़ा पार करने वाले लोगों पर गोलियाँ चलाई हैं, जिसके कारण कुछ लोगों को वापिस लौटना पड़ा है.”

यूएन खाद्य सहायता एजेंसी का कहना है कि 14 जुलाई तक की ख़बरों के अनुसार, ग़ाज़ा में उसकी सहायता से चलने वाली 18 में से 11 बेकरियाँ काम कर पा रही थीं, जबकि ये बेकरियाँ. हर दिन हज़ारों परिवारों को खाद्य सहायता मुहैया करा रही हैं. इनमें से सात बेकरियाँ दियर अल बलाह में, दो बेकरियाँ ग़ाज़ा सिटी में और दो बेकरियाँ, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में स्थित हैं.

एजेंसी ने यूएन न्यूज़ को दी ताज़ा जानकारी में बताया है, “WFP को इन बेकरियों को और अधिक ईंधन व अन्य सेवाएँ मुहैया कराने की ज़रूरत है ताकि वो विस्थापित लोगों को और अधिक सहायता मुहैया करा सकें.”

लेबनान हमला

इस बीच यूएन बाल कोष – UNICEF ने इसराइल के उत्तरी इलाक़े में लेबनान से मिलने वाली सीमा पर मंगलवार को, इसराइल के एक हवाई हमले की निन्दा की है.

इस हमले को लेबनान सीमा पर टकराव के बढ़ने के एक संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

यूनीसेफ़ के लेबनान कार्यालय ने सोशल मीडिया पर लिखा है, “एक हवाई हमले में तीन अन्य बच्चों की मौत होना भयावह है, जबकि वो लेबनाने के दक्षिणी इलाक़े में अपने घरों के सामने वाली जगह में खेल रहे थे.”

यूएन बाल एजेंसी ने लिखा है, “बच्चों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत संरक्षण मुहैया कराना होगा.”

“हमारी संवेदना प्रभावित परिवारों के साथ है. जब तक हिंसा जारी रहेगी, और अधिक बच्चे जोखिम की चपेट में होंगे.”

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