विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने पुष्टि की है कि उत्तरी ग़ाज़ा के कमाल अदवान अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएँ ठप हैं.
27 दिसम्बर को, इसराइली सैन्य बलों द्वारा इस अस्पताल पर धावा बोले जाने के बाद यहाँ से मरीज़ों और स्वास्थ्यकर्मियों को जबरन बाहर भेजा गया था और इसके निदेशक को हिरासत में ले लिया गया था. WHO प्रमुख ने हिरासत में लिए गए डॉक्टर हुस्सम अबू साफ़िया को रिहा किए जाने की अपील की है.
कुछ मरीज़ों को इंडोनेशियाई अस्पताल में भेजा गया, जहाँ पहले से ही जल, बिजली और साफ़-सफ़ाई की क़िल्लत है. वहीं अन्य मरीज़ और स्वास्थ्यकर्मी बेहद ख़राब हालात का सामना कर रहे हैं. हिंसा प्रभावित इलाक़ों में मानवीय सहायता पहुँचाने के कार्य में निरन्तर अवरोध हैं.
यूएन प्रवक्ता फ़्लोरेंसिया सोटो नीन्यो-मार्टिनेज़ ने सोमवार को बताया कि अक्टूबर के बाद से अब तक उत्तरी ग़ाज़ा में मदद पहुँचाने के लिए 150 से अधिक बार प्रयासों को इसराइली प्रशासन द्वारा नकार दिया गया है.
जिन सहायता मिशन को पहले स्वीकृति दी जा चुकी थी, उनमें भी लम्बी देरी का सामना करना पड़ा है. 27 से 29 दिसम्बर के बीच, हर चार में से तीन राहत मिशन के मार्ग में बाधाएँ डाली गई.
रविवार को एक मिशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ, जिसके तहत कमाल अदवान अस्पताल से बाहर भेजे गए लोगों के लिए बुनियादी मेडिकल आपूर्ति, भोजन और जल पहुँचाया गया है.
हालांकि, इसके बावजूद स्थिति बेहद गम्भीर बताई गई है. यूएन प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि मानवीय सहायताकर्मियों को मदद पहुँचाने के लिए सुरक्षित, बिना किसी अवरोध के रास्ता मुहैया कराया जाना होगा.
लूटपाट घटनाएँ
हथियारबन्द गुटों द्वारा राहत सामग्री को लूटे जाने की घटनाओं से मानवीय संकट और गम्भीर रूप धारण कर रहा है. दक्षिणी ग़ाज़ा में पिछले तीन दिनों में लूटपाट की दो घटनाएँ हुई और ट्रकों में लदे सामान को लूट लिया गया.
ऐसी घटनाओं से न केवल आवश्यक सहायता सामग्री की उपलब्धता पर असर होता है बल्कि मानवीय सहायताकर्मियों के लिए निहित ख़तरे भी उजागह होते हैं.
इस बीच, इसराइली सेना द्वारा वाणिज्यिक व मानवीय सहायता के लिए आयात पर पाबन्दियाँ थोपी गई हैं, जिसकी वजह से परिवारों के लिए भोजन, आश्रय व्यवस्था और सर्दी के मौसम में गर्म कपड़ों की क़िल्लत है.
अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की दरकार
यूएन प्रवक्ता के अनुसार, ग़ाज़ा पट्टी और पश्चिमी तट में हालात नाज़ुक हैं और आम फ़लस्तीन निरन्तर समर्थन मुहैया कराए जाने पर निर्भर हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से मानवतावादी सिद्धान्तों का सम्मान किए जाने का आग्रह किया है ताकि आम नागरिकों का संरक्षण सुनिश्चित हो और उन तक सहायता पहुँचाई जा सके.
ग़ाज़ा पट्टी में गहरे संकट के बीच, लाखों ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से तुरन्त क़दम उठाने की अपील की गई है.