यूएन महासचिव ने यह आहवान, संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर अफ़्रीका के साहेल क्षेत्र और योरोप से लेकर मध्य पूर्व के देशों तक में, रिकॉर्ड उच्च तापमान और जानलेवा ताप लहरों के बीच किया है. चिलचिलाती गर्मी इस मौसम में, सैकड़ों लोगों की जान लील ली है.
उदाहरण के लिए, सऊदी अरब में हज के दौरान, कड़ी गर्मी ने, 1,300 से अधिक श्रद्धालुओं को उनकी ज़िन्दगियों से महरूम कर दिया.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में एक प्रैस वार्ता में कहा, “अरबों लोग अत्यन्त गम्भीर गर्मी की महामारी का सामना कर रहे हैं, जो लगातार बढ़ती घातक ताप लहरों के साथ से और भी गम्भीर हो रही है. दुनिया में तापमान 50 डिग्री सैल्सियस से भी ऊपर जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “सन्देश स्पष्ट है: गर्मी जारी है. लोगों व पृथ्वी पर अत्यधिक गम्भीर गर्मी के अत्यन्त गम्भीर प्रभाव हो रहे हैं. दुनिया को बढ़ते तापमान की चुनौती का सामना करने के लिए कमर कसनी होगी.”
सबसे निर्बलों की हिफ़ाज़त करें
यूएन महासचिव ने ध्यान दिलाया कि अलबत्ता, झुलसा देने वाली गर्मी हर जगह पड़ रही है, मगर ये सभी लोगों को समान रूप से प्रभावित नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि अत्यधिक गम्भीर गर्मी का सामना करने वालों में शहरी इलाक़ों में रहने वाले निर्धन, गर्भवती महिलाएँ, बच्चे, वृद्धजन, विकलांगजन, मरीज़, और विस्थापित लोग प्रमुख हैं, जो अक्सर इस तरह के जर्जर अवस्था वाले घरों व आश्रयों में रहते हैं, जहाँ ठंडक करने के साधन नहीं होते हैं.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “हमें कम कार्बन उत्सर्जन वाली ठंडक की उपलब्धता बढ़ानी होगी और परोक्ष ठंडक का विस्तार करना होगा. जिसमें प्राकृतिक समाधान और नगरीय डिज़ायन के साथ-साथ ठंडक करने वाली तकनीकों को साफ़-सुथरा बनाने और उनकी कार्यकुशलता बढ़ाया जाना शमिल है.”
एंतोनियो गुटेरेश ने, समुदायों को जलवायु आपदा से बचाने की ख़ातिर, वित्त का स्तर बढ़ाने जाने का भी आहवान किया.
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