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क्या Vodafone के FPO से टेलीकॉम सेक्टर में खत्म होगा दो कंपनियों का दबदबा?

क्या Vodafone के FPO से टेलीकॉम सेक्टर में खत्म होगा दो कंपनियों का दबदबा?

वोडाफोन-आइडिया (Vodafone Idea ) का 18,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) सफलतापूर्वक सब्सक्राइब होने के बाद 22 अप्रैल को बंद हो गया। इस FPO के जरिये टेलीकॉम कंपनी की योजना डेट और इक्विटी के जरिये 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की है, ताकि उसे इस सेक्टर की दोनों कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।

फंड जुटाने का पहला दौर पूरा होने के साथ ही एंबिट कैपिटल (Ambit Capital) के एनालिस्ट्स का कहना है कि कंपनी सरकारी मदद, एंकर इनवेस्टर्स और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के जरिये 45,000 करोड़ रुपये जुटा लेगी। कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 32 पर्सेंट से थोड़ा ज्यादा है। एंबिट कैपिटल के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया के इस इश्यू को जबरदस्त इंस्टीट्यूशनल सपोर्ट मिला है।

इसके अलावा, उद्यमी कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी बोर्ड में वापसी हुई। इक्विटी के जरिये फंड जुटाने के बाद बैंक इस टेलीकॉम कंपनी को कर्ज देने में नहीं हिचकिचाएंगे। इससे वोडाफोन-आइडिया को अपने 4जी नेटवर्क का विस्तार करने और 5जी सर्विसेज को लॉन्च करने में मदद मिलेगी। इस तरह, कंपनी को बाजार में अपनी हालत बेहतर करने में मदद मिलेगी।

FPO की प्रोसेस पूरा होने के बाद एंबिट कैपिटल ने वोडाफोन-आइडिया (Vodafone Idea) और इंडस टावर्स (Indus Towers) की ‘सेल’ रेटिंग की समीक्षा करने का फैसला किया है। वोडाफोन-आइडिया की बेहतर स्थिति का फायदा इंडस टावर्स को भी मिलेगा। इंडस टावर्स का वोडाफोन- आइडिया के पास 7,000 करोड़ रुपये बकाया है।

ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, अगर वोडाफोन टेलीकॉम मार्केट में अपनी हैसियत मजबूत करने के लिए इस फंड का इस्तेमाल करती है, तो उसके शेयर प्राइस और कैश फ्लो जेनरेशन में बढ़ोतरी हो सकती है। एंबिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘वित्तीय सेहत सुधरने के बाद वोडाफोन-आइडिया के पास स्पेक्ट्रम या एजीआर बकाया भुगतान करने या बकाया रकम को मौजूदा शेयर प्राइस के हिसाब से इक्विटी में कन्वर्ट करने का विकल्प होगा। यह फैसला वोडाफोन द्वारा अपनी वित्तीय ताकत का आकलन करने के बाद लिया जाएगा।’

वोडाफोन-आइडिया की हालत सुधरने से टेलीकॉम सेक्टर में दो कंपनियों के वर्चस्व को भी खत्म करने में मदद मिलेगी, जो रिलायंस जियो की एंट्री के बाद देखने को मिल रहा है। एंबिट के एनालिस्ट्स के मुताबिक, अगर वोडाफोन-आइडिया तेजी से आगे बढ़ते हुए अपने नेटवर्क में फंड निवेश करती है, तो चीजें बदल सकती हैं। वोडाफोन की स्थिति सुधरने से इंडस टावर्स की ग्रोथ को भी सहारा मिलेगा।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट के पास है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।

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