बाजार में तेजी के ट्रिगर क्या हैं? अच्छी कंपनी कैसे चुननी चाहिए? बुल मार्केट में क्या सोच रखनी चाहिए? निवेशकों की सबसे बड़ी दुविधा क्या है? बाजार के सनराइज सेक्टर्स कौन से हैं? बाजार में रिस्क कैसे कम होगा? कौन से कारोबार में निवेश करना अच्छा होगा? ऐसे सारे सवाल निवेशकों के मन में कौंधते रहते हैं। इन्हीं सभी सवालों पर हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ से बातचीत करते हुए Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल ने कहा कि कब और कितना एलोकेशन करना है इस पर सही निर्णय लेना चाहिए। इसके साथ ही निवेश के वक्त की मार्केट की टाइमिंग का भी ध्यान रखना चाहिए।
क्या बाजार में दिक्कत बढ़ रही है?
इस पर अभय अग्रवाल ने कहा कि बाजार में दिक्कत जैसी कोई बात नहीं हैं लेकिन हमारा मानना है कि इस समय इसका वैल्यूएशन ज्यादा है।
क्या महंगा, सस्ता के लिए P/E देखना जरूरी है?
ऐसा नहीं है केवल P/E के भरोसे रहना ठीक नहीं। दूसरे पैमाने परखना जरूरी होता है।
बाजार में तेजी के ट्रिगर क्या हैं?
अभय ने कहा कि कंपनियों की अर्निंग सबसे अहम होती है। इकोनॉमी की ग्रोथ बाजार के लिए बड़ा ट्रिगर हो सकती है। इस संदर्भ में लिक्विडिटी की अहमियत भी कम नहीं होती है।
निवेशकों की सबसे बड़ी दुविधा क्या है?
निवेशकों के लिए सबसे बड़ी दुविधा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कब और कितना एलोकेशन करना है इस पर उन्हें दुविधा होती है। इसके अलावा मार्केट की टाइमिंग पर भी फैसला करना आसान नहीं होता है।
पावर और कैपिटल गुड्स सेक्टर पर क्या राय है?
इस उन्होंने कहा कि इकोनॉमी को सपोर्ट करने वाले सेक्टर्स में तेजी बनी रहेगी। बेहतर बैलेंसशीट वाली कंपनियां हमें अच्छी लग रही हैं। हालांकि निवेशकों को PSUs को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
निवेश के लिए सबसे बढ़िया सेक्टर कौन सा है?
अभय अग्रवाल ने इसका जवाब देते हुए कहा कि हमारी नजर में इस समय फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एग्रो केमिकल और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निवेश के लिहाज से सबसे अच्छे हैं।
अच्छी कंपनी कैसे चुनें और किस साइज की कंपनी में निवेश करें?
उन्होंने कहा कि अच्छी कंपनी चुनने के लिए उसकी अर्निंग देखने चाहिए। तिमाही दर तिमाही शानदार अर्निंग देने वाली कंपनी अच्छी कंपनी हो सकती है। कंपनी के साइज के बारे में शर्मा ने कहा कि लॉन्ग टर्म में छोटी कंपनियों में बड़ा मुनाफा होगा। लेकिन उतार-चढ़ाव भी बना रहेगा।
बुल मार्केट में क्या सोच रखनी चाहिए?
बुल मार्केट में सफल होने के लिए अग्रवाल ने कहा कि ऐसे समय में लालच से बचना चाहिए। निवेशकों को कम रिस्क लेना चाहिए। इतना ही नहीं उनके द्वारा पहले की गई गलतियों से सबक भी लेना चाहिए।
क्या भारत का इन्वेस्टर मैच्योर है? आलसी या चालाक इनमें से बाजार में कौन ज्यादा पैसा बनाता है?
अभय अग्रवाल ने कहा कि भारत के इनवेस्टर्स में समय के साथ मैच्योरिटी आएगी। बाजार में निवेश करते समय फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेना कारगर तरीका होता है। बाजार में कौन ज्यादा पैसा बनाता है इस पर उन्होंने कहा कि बाजार में पैसा बनाने के लिए साइंटिस्ट होना जरूरी नहीं। लेकिन भावनाओं पर नियंत्रण बहुत जरूरी होता है।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)