उद्योग/व्यापार

कोल गैसिफिकेशन स्कीम को कैबिनेट की मंजूरी, प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना

केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) ने कोल गैसिफिकेशन स्कीम (coal gasification scheme)  को अपनी मंजूरी दे दी है। इस प्रोग्राम के तहत पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर को वाइबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की पेशकश की जाएगी। कोल मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने 24 जनवरी को फाइनल डॉक्युमेंट की मंजूरी दे दी, जिसमें कोल गैसिफिकेशन के लिए 6,000 करोड़ के प्रस्तावित फाइनेंशियल इंसेंटिव में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है।

कोल गैसिफिकेशन प्रोग्राम के बारे में तकरीबन दो साल पहले ऐलान किया गया था। कोयला और खदान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 12 जनवरी को मनीकंट्रोल को दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि पीएसयू (PSUs) के 4 कोल गैसिफिकेशन प्रोजेक्ट कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें CIL (कोयला इंडिया लिमिटेड) और IOCL (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड), GAIL और CIL,BHEL और CIL एवं NLC इंडिया और BHEL के प्रोजेक्ट शामिल हैं।

उन्होंने कहा था, ‘कोल गैसिफिकेशन प्रोग्राम जल्द केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा और इसकी मंजूरी मिलने के बाद इस स्कीम को औपचारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा। कोल गैसिफिकेशन नई टेक्नोलॉजी है। चूंकि भारतीय कोयले में ऐश कॉन्टेंट काफी ज्यादा है, लिहाजा लोग सोच-विचार कर इसमें निवेश करेंगे। इसी वजह से इसमें फाइनेंशियल इंसेंटिव जरूरी है।’

कोल का गैसिफिकेशन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हवा, ऑक्सीजन, स्टीम या कार्बन डाइऑक्साइड के जरिये कोयले का आंशिक तौर पर ऑक्सीकरण किया जाता है। भारत सरकार का इरादा 2030 तक 100 MT कोल गैसिफिकेशन का है, जिसमें 4 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश होना है।

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