बड़ी खबर

कैसे CM रेस से बाहर हो गईं कल्पना सोरेन? हेमंत सोरेन के करीबी बने नए मुख्यमंत्री

कैसे CM रेस से बाहर हो गईं कल्पना सोरेन? हेमंत सोरेन के करीबी बने नए मुख्यमंत्री

पत्नी कल्पना के साथ हेमंत सोरेन- India TV Hindi

Image Source : PTI
पत्नी कल्पना के साथ हेमंत सोरेन

झारखंड के सियासी घटनाक्रम में एक बड़ा बदलाव हो गया है। जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, राज्य का नया सीएम भी चुन लिया गया है। झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन होंगे। उन्हें गठबंधन की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया। चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन के करीबी माने जाते हैं। हालांकि, अभी तक माना जा रहा था कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

कल्पना क्यों नहीं बन पाईं सीएम?

दरअसल, अब तक कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनाने जाने की खबर सुर्खियों में थी। कल्पना सोरेन मंगलवार को सीएम आवास पर गठबंधन विधायकों की बैठक में मौजूद थीं। इसके बाद ये कयास जोर पकड़ने लगे कि प्रदेश की अगली सीएम कल्पना होंगी। हालांकि, इसके बाद सोरेन परिवार में असहमति की खबर सामने आई। हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना के नाम पर उनकी भाभी और जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने आपत्ति जताई। पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा की विधवा सीता सोरेन ने कहा, “मैं पूछना चाहूंगी कि केवल कल्पना सोरेन ही क्यों, जो विधायक भी नहीं हैं और उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव भी नहीं है। किस परिस्थिति में उनका नाम अगले मुख्यमंत्री के तौर पर उछाला जा रहा है, जबकि पार्टी में इतने सारे वरिष्ठ नेता हैं।”

विधायक नहीं हैं कल्पना सोरेन

सूत्रों की मानें तो हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन और उनका छोटा भाई बसंत सोरेन, कल्पना सोरेन के नाम पर राजी नहीं हुए। वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी दावा किया कि सीता सोरेन और बसंत सोरेन सीएम पद के लिए कल्पना सोरेन के लिए सहमत नहीं हैं। दूसरी तरफ कल्पना सोरेन को सीएम बनाए जाने में कानूनी अड़चनों का भी हवाला दिया जा रहा था। कल्पना सोरेन फिलहाल विधायक नहीं हैं, लेकिन एक विधायक सीट छोड़ चुके हैं। इसके बाद से ही ये अटकलें लगाई जाने लगीं कि कल्पना अगली सीएम बन सकती हैं।

कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन सरायकेला सीट से विधायक हैं। इस समय वह परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं। साथ ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं। चंपई सोरेन को सीएम हेमंत सोरेन का काफी करीबी माना जाता है। चंपई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। वे अर्जुन मुंडा सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। 

Latest India News

Source link

Most Popular

To Top