कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि AI का असाधारण तेज़ी से विकास और प्रसार हो रहा है और प्रौद्योगिकी के इस अदभुत व नवीन रूप में, जीवन के किसी पहलू और देश व समाज के किसी वर्ग को अछूता नहीं छोड़ा है. मगर ऑनलाइन मंचों पर नफ़रत और झूठ के फैलाव ने मानवाधिकारों के लिए भी गम्भीर ख़तरा उत्पन्न कर दिया है. यूएन महासचिव के टैक्नॉलॉजी दूत अमनदीप सिंह गिल बता रहे हैं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास से, किस तरह की प्रमुख मानवाधिकार चिन्ताएँ दरपेश हैं…(वीडियो)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का मानवाधिकारों पर असर
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