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किसान आंदोलन को लेकर उद्योग मंडल का बड़ा दावा, कहा- उत्तरी राज्यों को रोजाना होगा 500 करोड़ का नुकसान

किसान आंदोलन को लेकर उद्योग मंडल का बड़ा दावा, कहा- उत्तरी राज्यों को रोजाना होगा 500 करोड़ का नुकसान

PHDCCI big claim regarding farmers Protest said Northern states will suffer a loss of Rs 500 crore d- India TV Hindi

Image Source : PTI
उत्तरी राज्यों को रोजाना होगा 500 करोड़ का नुकसान

उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में व्यापार और उद्योग को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंच सकता है। उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है और इससे प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा, “लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन से प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। उत्तरी राज्यों मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के चौथी तिमाही के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पर असर पड़ेगा।” 

उद्योग मंडल ने क्या कहा?

उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल देश में सभी के कल्याण के लिए आम सहमति के साथ सरकार और किसानों दोनों से मुद्दों के शीघ्र समाधान की आशा करता है। अग्रवाल ने कहा कि किसानों का आंदोलन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के व्यवसायों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। उत्पादन प्रक्रियाओं को निष्पादित करने और उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए ऐसी इकाइयों का कच्चा माल बड़े पैमाने पर अन्य राज्यों से खरीदा जाता है। सबसे बड़ी मार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के एमएसएमई पर पड़ेगी। 

शुक्रवार को कैसा रहा किसान आंदोलन?

उन्होंने कहा, “पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की संयुक्त जीएसडीपी मौजूदा कीमतों पर 2022-23 में 27 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इन राज्यों में लगभग 34 लाख एमएसएमई हैं जो अपने संबंधित कारखानों में लगभग 70 लाख श्रमिकों को रोजगार देते हैं।” बता दें कि पंजाब से दिल्ली की ओर बढ़ रहे हजारों किसानों को हरियाणा प्रशासन ने शंभू बॉर्डर पर रोक रखा है। किसानों और पुलिस के बीच कई बार हिंसा और झड़प देखने को मिली। हालांकि शुक्रवार को एक बार फिर से किसानों ने शंभू बॉर्डर पर बैरियर की ओर बढ़ना चाहा, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए फिर से आंसू गैस के गोले दागे।

(इनपुट-भाषा)

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