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कार्यकाल समाप्ति पर, यूएन महासभा प्रमुख ने उपलब्धियों को किया साझा

महासभा प्रमुख डेनिस फ़्रांसिस ने संयुक्त राष्ट्र के मुख्य नीति-निर्माण निकाय की अध्यक्षता के अवसर को, अपने जीवनकाल का सम्मान क़रार दिया.

सभी 193 सदस्य देश यूएन महासभा का हिस्सा हैं. त्रिनिडाड एंट टोबैगो के अनुभवी राजनयिक ने अपने अध्यक्षीय कार्यकाल का ध्येय, शान्ति, समृद्धि, प्रगति और सततता को बनाया था.

पिछले वर्ष सितम्बर महीने में टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर शिखर बैठक के दौरान एक अहम राजनैतिक घोषणापत्र पारित किए जाने के साथ, उनके कार्यकाल की शुरुआत हुई थी. इस घोषणापत्र का उद्देश्य 2030 एजेंडा को साकार करने के लिए प्रयासों में तेज़ी लाना है.

इसके अलावा, स्वास्थ्य-सम्बन्धी मुद्दों पर उच्चस्तरीय बैठकें आयोजित की गईं: वैश्विक महामारी की रोकथाम, तैयारी व प्रतिक्रिया; सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को मज़बूती; और टीबी का उन्मूलन. ये सभी बैठकें राजनैतिक घोषणापत्र के पारित होने के साथ समाप्त हुई.

वहीं, विकास के लिए वित्त पोषण पर उच्चस्तरीय सम्वाद के ज़रिये, वैश्विक वित्तीय तंत्र में सुधार की आवश्यकता को अपार समर्थन मिला.

यूएन महासभा ने दिसम्बर 2023 में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणापत्र की 75वीं वर्षगाँठ को भी मनाया, जिसके तहत यूएन मानवाधिकार पुरस्कार पाने वाले लोगों के लिए समारोह आयोजित किया गया.

सततता सप्ताह, विशेष आपात सत्र

इसके अलावा, इस वर्ष अप्रलै महीने में यूएन महासभा ने पहली सततता सप्ताह आयोजित किया, जिसमें पर्यटन, परिवहन, बुनियादी ढाँचा, ऊर्जा जैसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया गया. वहीं, कर्ज़ सततता पर एक अहम आयोजन में विशिष्ट हालात से जूझ रहे देशों की चिन्ताओं पर चर्चा हुई.

इस सप्ताह के दौरान लघु द्वीपीय विकासशील देशों के चौथे अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन भी चर्चा का केन्द्र बिन्दु रहा. यह सम्मेलन एंटीगुआ एंड बरबूडा में मई महीने में आयोजित किया. वहीं, भविष्य की शिखर बैठक के लिए तैयारी को आगे बढ़ाया गया, जोकि कुछ ही दिनों में न्यूयॉर्क में हो रही है.

डेनिस फ़्रांसिस ने मध्य पूर्व में हिंसा व भयावह हालात पर क्षोभ व्यक्त करते हुए बताया कि महासभा ने निडर क़दम उठाते हुए, 10वें आपात सत्र को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया.

‘शान्ति के लिए एकजुटता’ नामक प्रस्ताव के तहत, यदि सुरक्षा परिषद अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को बरक़रार रखने के अपने दायित्व को निभाने में विफल साबित होती है, तो इसके 24 घंटे के भीतर आपात विशेष सत्र को बुलाया जा सकता है.

इस क्रम में, यूएन महासभा ने तीन अहम प्रस्ताव पारित किए: पहला, आम नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित करने और क़ानूनी व मानवतावादी दायित्वों का निर्वहन. दूसरा, ग़ाज़ा में तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने की मांग, सभी बन्धकों की रिहाई और मानवीय सहायता मार्ग की सुलभता.

तीसरा, यूएन की सदस्यता के लिए फ़लस्तीनी राष्ट्र द्वारा अहर्ता का निर्धारण, और इस विषय में सुरक्षा परिषद से उपयुक्त निर्णय लेने का अनुरोध.

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