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कांग्रेस से बाबा सिद्दीकी को क्या थी शिकायत, बोले- मेरे बेटे जीशान को भी किया जा रहा परेशान

Why Baba Siddiqui left congress and joins Ajit pawar ncp said My son Zeeshan is also being harassed- India TV Hindi

Image Source : PTI/ANI
अजित पवार की NCP में शामिल हुए बाबा सिद्दीकी

कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के चर्चित नेता व पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी ने अजित पवार की एनसीपी का दामन थाम लिया है। इस बाबत उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ मेरा 48 साल का रिश्ता रहा है। हाल के दिनों में बहुत कुछ मेरे साथ हो रहा था। पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा था। इसलिए यह रिश्ता और आगे ले जाना बेहद मुश्किल था। इन सबके बारे में विचार किया और अब अजित पवार, प्रफुल पटेल से कई दिनों की चर्चा के बाद आज अजित पवार की एनसीपी में शामिल हुआ हूं। उन्होंने कहा कि अब मैं एनसीपी का हूं और पूरी जी जान लगाकर पार्टी के लिए काम करूंगा।

क्या बोले बाबा सिद्दीकी

उन्होंने कहा कि जो लोग मेरे एनसीपी और एनडीए में शामिल होने पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पहले वो बताएं, जब एमवीए में शिवसेना को साथ लिया था, तब उनका सेक्युलर मुद्दा कहां गया था। अजित पवार ने मंच से कहा कि वो एनडीए के साथ भले हैं। लेकिन उन्होंने मौलाना आजाद, फुले, आंबेडकर, शाहू के विचारों को त्यागा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि वो अपनी बात पर कायम रहेंगे। मेरे बेटे जीशान को भी परेशान किया जा रहा है। जब राज्य का पार्टी अध्यक्ष ही विधायक की नहीं सुन रहा तो आगे क्या कहा जाए। जिस तरह की परेशानी उसे हो रही है, हो सकता है वो भी जल्द ही हमारे साथ आ जाए।

क्या बोले अजित पवार

वहीं प्रफुल पटेल ने इस मुद्दे पर आगे कहा कि हमने भी कांग्रेस से सफर शुरू किया था। अजित पवार, सुनील तटकरे भी कांग्रेसी रहे हैं। 2014 से 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इतनी छोटी हो गई कि विपक्ष के नेता के लायक सांसद नहीं जीते। कांग्रेस लगातार छोटी होती गई। उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद हुए और एमवीए की सरकार बनी। वहीं अजित पवार ने अपनी स्पीच में कहा कि बाबा सिद्दीकी को लेकर प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे से मेरी चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष में रहते हुए क्या काम किया सभी ने देखा है। एमवीए के साथ रहकर सेक्युलर विचारधारा छोड़ा नहीं। महाराष्ट्र और पार्टी को आगे बढ़ाने को लेकर पिछले दिनों मुझे कदम उठाने पड़े।

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