कांग्रेस (Congress) ने बुधवार को आरोप लगाया कि आयकर विभाग (Income tax Department) ने अलग-अलग बैंकों को उसके अकाउंट से 65 करोड़ रुपए की रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा है और वो भी तब, जब इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा मामला अदालत के विचाराधीन है। पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि आयकर विभाग का यह कदम अलोकतांत्रिक है। उन्होंने ‘X’ पर पोस्ट किया, “कल आयकर विभाग ने बैंकों को कांग्रेस, इंडियन यूथ कांग्रेस और NSUI के अकाउंट से 65 करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर करने के लिए कहा। यह सरकार की तरफ से उठाए गया एक चिंताजनक कदम है।”
माकन के अनुसार, 60.25 करोड़ रुपए की राशि कांग्रेस के अकाउंट और पांच करोड़ रुपए यूथ कांग्रेस और NSUI के बैंक अकाउंट से ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, “क्या राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए इनकम टैक्स देना आम बात है? नहीं। क्या बीजेपी इनकम टैक्स देती है? नहीं। फिर कांग्रेस पार्टी से 210 करोड़ रुपए की रकम क्यों मांगी जा रही है?’’
माकन ने कहा, “इनकम टैक्स अपीलीय प्राधिकरण में कार्यवाही के दौरान हमने अपना मामला पेश किया। सुनवाई कल भी जारी रहने वाली है।”
उनके मुताबिक, विचाराधीन धनराशि जमीनी स्तर के प्रयासों से जुटाई गई थी, जिसमें यूथ कांग्रेस और NSUI की तरफ से चलाए गए ‘क्राउडफंडिंग’ और सदस्यता अभियान शामिल थे।
माकन ने कहा, “यह स्थिति लोकतंत्र की स्थिति पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। क्या यह खतरे में है? हमारी आशा अब न्यायपालिका से है।”
उनके अनुसार, कांग्रेस के बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट से राशि ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है।
ये एक ‘अलोकतांत्रिक कदम’ है
इससे पहले माकन ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, “IT अपीलीय प्राधिकरण की तरफ से मामले की सुनवाई के बावजूद, इनकम टैक्स विभाग ने अलग-अलग बैंकों कांग्रेस और इंडियन यूथ कांग्रेस के बैंक अकाउंट से 65 करोड़ रुपए की राशि निकालने के लिए लिखा था।”
उनका कहना है कि इनकम टैक्स विभाग का इस तरह से राशि निकालना ‘अलोकतांत्रिक कदम’ है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने अपने बैंकों से लिखित रूप से कहा था कि वे कोई भी राशि नहीं निकाली जाए, क्योंकि मामला अदालत में विचाराधीन है और आयकर अधिकरण के सामने मामले की सुनवाई अभी भी जारी है।
आयकर विभाग ने पिछले दिनों 210 करोड़ रुपए की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रमुख बैंक अकाउंट ‘फ्रीज’ कर दिए थे। हालांकि, बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगली सुनवाई होने तक उसके अकाउंट पर से रोक हटा दी थी।