योरोपीय क्षेत्र के लिए सहायक महासचिव मिरोस्लाव येन्का ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए यूएन प्रमुख के रुख़ को दोहराया.
उन्होंने कहा कि किसी भी देश द्वारा किसी अन्य देश के क्षेत्र को, बल प्रयोग या उसकी धमकी के ज़रिये हरण किया जाना, यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है.
उन्होंने यूक्रेन में रूसी सैन्य क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में तथाकथित चुनाव कराए जाने की ख़बरों पर चिन्ता व्यक्त की है. “यूक्रेन के क़ाबिज़ इलाक़ों में इन तथाकथित चुनावों को कराए जाने का कोई क़ानूनी आधार नहीं है.”
सहायक महासचिव के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहान्स्क, ख़ेरसॉन, ज़ैपोरिझझिया क्षेत्रों का हरण किया है, जिसके लिए पिछले वर्ष सितम्बर में ग़ैरक़ानूनी ढंग से जनमत संग्रह कराए गए थे.
“मैं दोहराना चाहता हूँ कि संयुक्त राष्ट्र, अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की सम्प्रभुता, स्वाधीनता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है, जोकि जल क्षेत्र के लिए भी मान्य है.”
क़ानूनी दायित्व
मिरोस्लाव येन्का ने बताया कि एक क़ाबिज़ शक्ति के तौर पर, रूस का यह दायित्व है कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का सम्मान किया जाए. उन्होंने कहा कि हर उस क़दम की निन्दा की जाएगी, जिससे हालात भड़कते या बिगड़ते हों.
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने देश में मानवीय आवश्यकताओं और रूसी नियंत्रण वाले इलाक़ो में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिन्ता जताई, जहाँ पहुँचना कठिन है.
उन्होंने क्षोभ प्रकट किया कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से अब तक, आम लोगों को भीषण और रोज़, आम नागरिकों व नागरिक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध उग्र होते हमलों को झेलना पड़ रहा है.
फ़रवरी 2022 के बाद से अब तक, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार, यूक्रेन में 26 हज़ार 717 आम नागरिक हताहत हुए हैं.
इनमें 549 बच्चों समेत नौ हज़ार 511 की मौत हुई है और 17 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं.
अनवरत हमले
इसी सप्ताह, रूस द्वारा दोनेत्स्क क्षेत्र के कोस्टिएनतिनिव्का नगर के एक व्यस्त बाज़ार पर हुए हमले में एक बच्चे समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी.
इसे हाल के महीनों में हुए सबसे घातक हमले के रूप में देखा जा रहा है.
अन्य रूसी हमलों में ज़ैपोरिझझिया क्षेत्र में स्कूल और घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और ओडेसा क्षेत्र में बन्दरगाह सुविधाओं और अनाज भंडारण के बुनियादी ढाँचों को नुक़सान पहुँचा है.
मिरोस्लाव येन्का ने सचेत किया है कि काला सागर अनाज निर्यात पहल की अवधि ना बढ़ाने के रूसी फ़ैसले के बाद, इन हमलों के वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए गम्भीर नतीजे होंगे.