यूएन के शीर्षतम अधिकारी के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि महासचिव ने सुरक्षा बलों से अधिकतम संयम बरतने और ज़िन्दगियों की रक्षा करने के लिए घातक बल प्रयोग से बचने का आग्रह किया है.
यूएन मानवतावादी कार्यालय ने जेनिन शहर और जेनिन शरणार्थी शिविर में रह रहे फ़लस्तीनियों की सुरक्षा व कल्याण के प्रति चिन्ता जताई है, जहाँ इसराइली सेना ने कार्रवाई को अंजाम दिया है.
आरम्भिक जानकारी के अनुसार, इस सैन्य अभियान में हवाई हमलों, भारी-भरकम बुलडोज़र और गोपनीय तौर पर सुरक्षा बलों का सहारा लिया गया जिनमें अनेक लोगों की जान गई है और वे घायल हुए हैं.
इससे पहले, पिछले कुछ सप्ताह से जेनिन शरणार्थी शिविर में फ़लस्तीनी सुरक्षा बलों और जेनिन शिविर में हथियारबन्द फ़लस्तीनियों के बीच झड़पें हो रही थी. फ़लस्तीनी बल यहाँ अपना नियंत्रण बहाल करने की कोशिशों में जुटे हैं.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के अनुसार, पिछले सप्ताह तक इन झड़पों के कारण दो हज़ार से अधिक परिवार विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं.
जेनिन शरणार्थी शिविर में पहले भी इसराइली सेना ने कार्रवाई की है, जिसमें अहम बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँची है. इसके परिणामस्वरूप, शिविर में जल, बिजली, कचरा प्रबन्धन समेत अन्य बुनियादी सेवाओं में व्यवधान आया है.
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने विस्थापित आबादी के लिए ग़द्दे और कम्बल वितरित किए थे, मगर मानवीय सहायताकर्मियों के लिए ज़रूरतमन्द आबादी तक पहुँच पाना कठिन साबित हुआ है.
तीन दिन पहले ही, ग़ाज़ा पट्टी में इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता लागू हुआ है, जिसके बाद पश्चिमी तट में हिंसा में तेज़ी देखी गई है.