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कमर के पुराने दर्द से निपटने के लिए, WHO के कुछ नुस्ख़े

कमर के पुराने दर्द से निपटने के लिए, WHO के कुछ नुस्ख़े

इन दिशा-निर्देशों या नुस्ख़ों में, विशेष रूप से दीर्घकालिक पीड़ितों के लिए सिफ़ारिशें और चेतावनियाँ दोनों शामिल हैं, जो अफ़ीम पर आधारित दर्द निवारक दवाओं के उपयोग, जैसे कर्षण जैसे भौतिक उपचार और काठ के ब्रेसेज़ और बैल्ट के प्रयोग के ख़िलाफ़ तर्क देती हैं.

इसके बजाय, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को व्यायाम कार्यक्रम विकसित करने; मरीज़ों को विकल्पों और स्व-देखभाल रणनीतियों पर ख़ुद को शिक्षित करने में मदद करने; और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी जैसे मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने वाले उपायों की सलाह दी गई है.

WHO ने कहा है कि पीठ दर्द की देखभाल उन शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों के मिश्रण पर ध्यान देने के अनुरूप होनी चाहिए, जो उनकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द (एलबीपी) के अनुभव पर असर डाल सकते हों.”

विकलांगता का प्रमुख कारण

पीठ के निचले हिस्से में दर्द (एलबीपी) एक ऐसी सामान्य स्थिति है जिसका अनुभव ज़्यादातर लोग अपने जीवन काल में कभी न कभी करते हैं, हालाँकि, WHO का कहना है कि यह दर्द, विश्व स्तर पर विकलांगता का प्रमुख कारण भी है.

जो लोग लगातार दर्द का अनुभव करते हैं, उनकी पारिवारिक, सामाजिक और कार्य गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता अक्सर कम हो जाती है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है और इसका उनके परिवारों, समुदायों और स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए काफ़ी बड़ा वित्तीय असर होता है.

वर्ष 2020 में, औसतन 13 में से 1 व्यक्ति ने अपनी कमर के निचले हिस्से में दर्द यानी एलबीपी का अनुभव किया, जो 1990 से 60 प्रतिशत की वृद्धि है, और ये संख्या 6.19 करोड़ लोगों के बराबर है

आँकड़ों में उछाल

वर्ष 2050 तक इस दर्द से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर अनुमानित 84.3 करोड़ होने की अपेक्षा है, जिसमें सबसे अधिक वृद्धि अफ़्रीका और एशिया में होने की उम्मीद है, जहाँ आबादी बढ़ रही है और लोग लम्बे समय तक जीवित रह रहे हैं.

व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रभाव, और एलबीपी से जुड़ी लागत उन लोगों के लिए विशेष रूप से अधिक है जो लगातार लक्षणों का अनुभव करते हैं.

कमर के निचले हिस्से में लम्बे समय तक चलने वाले दर्द यानि ‘क्रोनिक एलबीपी’ का अनुभव करने वाले, विशेष रूप से वृद्ध व्यक्तियों को, ग़रीबी का अनुभव होने, समय से पहले कार्यबल से बाहर निकलने और सेवानिवृत्ति में नक़दी की कमी होने की सम्भावना अधिक होती है.

WHO ने कहा कि वृद्ध आबादी में क्रोनिक एलबीपी का हल निकालने से स्वस्थ उम्र बढ़ने में मदद मिल सकती है, इसलिए वृद्ध व्यक्तियों में अपने रहन-सहन की बेहतरी बनाए रखने की कार्यात्मक क्षमता होती है.

समस्या को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता

सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए WHO के सहायक महानिदेशक ब्रूस आयलवर्ड ने, विशेष रूप से वैश्विक स्वास्थ्य लक्ष्यों के आलोक में, पीठ के निचले हिस्से के दर्द से निपटने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है.

पेशे से एक चिकित्सक डॉक्टर आयलवर्ड ने कहा है, “सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए, पीठ के निचले हिस्से में दर्द के मुद्दे को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर विकलांगता का प्रमुख कारण है.”

उन्होंने कहा, “देश प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए अपने उपायों को मज़बूत करने के प्रयासों के तहत, प्राप्य कार्यक्रमों व योजनाओं को शामिल करके, इस सर्वव्यापी लेकिन अक्सर अनदेखी की गई चुनौती का समाधान कर सकते हैं.”

बोस्निया और हर्ज़ेगोविना में एक बच्ची, अपने पिता के साथ कसरत करते हुए.

निजी आवश्यकतानुसार उपाय

WHO ने एक एकीकृत, व्यक्ति-केन्द्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया.

इसमें कहा गया है कि देशों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के माध्यम से अनुशंसित कार्यक्रमों व योजनाओं को उपलब्ध, सुलभ और स्वीकार्य बनाने के लिए, अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों और सेवाओं को मज़बूत करने व बदलने की आवश्यकता हो सकती है, जबकि प्रभावी नहीं होने वाले कार्यक्रमों की नियमित उपलब्धता को बन्द करना होगा.

WHO का कहना है कि इन दिशा-निर्देशों का सफल कार्यान्वयन, एलबीपी के लिए उचित देखभाल के आसपास सार्वजनिक स्वास्थ्य सन्देश, पुराने पीठ दर्द की देखभाल के लिए कार्यबल क्षमता के निर्माण, देखभाल मानकों को अपनाने और उपयुक्त उपचार के लिए सन्तुति व्यवस्था सहित, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मज़बूत करने पर निर्भर करेगा.

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