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ऑनलाइन बाइक लेने से पहले हो जाएं सावधान! इस शख्स को लगा ₹2 लाख का चूना, आप ना करें ये गलती

ऑनलाइन बाइक लेने से पहले हो जाएं सावधान! इस शख्स को लगा ₹2 लाख का चूना, आप ना करें ये गलती

हाल के वर्षों में भारत सहित दुनियाभर में साइबर अपराध (Cyber ​​crimes in India) तेजी बढ़ रहा है। इस क्रम में साइबर जालसाजों ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ऑनलाइन सेकंड हैंड बाइक लेने की कोशिश कर रहे एक निर्दोष व्यक्ति को करीब दो लाख रुपये का चूना लगा दिए। इसलिए अगर आप भी सेकंड हैंड दोपहिया वाहन लेने का प्लान बना रहे हैं तो सावधान हो जाएं, नहीं तो आप भी ठगी का शिकार हो सकते हैं। बेंगलुरु के हरलुर का निवासी एक वेबसाइट से पुरानी बाइक खरीदने के दौरान धोखाधड़ी का शिकार हुआ। उसने लगभग 2 लाख रुपये गंवा दिए।

आरोपी ने सेना का लिया सहारा

बेलंदूर पुलिस ने बताया कि पीड़ित राजशेखर ने 26 जुलाई को एक विज्ञापन देखने के बाद सेकंड हैंड बाइक खरीदने का फैसला किया। वेबसाइट पर बाइक 32,000 रुपये में खरीदने के लिए उपलब्ध थी। कथित विक्रेता ने खुद को लक्ष्य खन्ना (Lakshay Khanna) नाम का एक सेना अधिकारी होने का दावा किया था। उसने राजशेखर को WhatsApp के माध्यम से अपना Aadhaar card भी शेयर किया, जिससे पीड़ित को जालसाज पर भरोसा हो गया।

अलग-अलग पार्ट में लिए पैसे

Bangalore Mirror के अनुसार, खुद को लक्ष्य बताने वाले शख्स ने पीड़ित को मंजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति का संपर्क नंबर दिया और आश्वासन दिया कि बाइक की डिलीवरी 28 जुलाई को हो जाएगी। कथित सेना अधिकारी ने शुरू में परिवहन शुल्क (Transportation Charge) के रूप में 1,000 रुपये भेजने का अनुरोध किया। बाद में, पीड़ित को GST के लिए 7,200 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। इसके बाद 7,000 रुपये, फिर 200 रुपये और 15,000 रुपये ऐंठ लिए गए।

इसके अलावा आरोपी से 18,000 रुपये, 32,000 रुपये, 10,000 रुपये, 4,000 रुपये, 5,000 रुपये, 32,000 रुपये और आखिरी में 13,000 रुपये ले लिए गए। इसके साथ ही पीड़ित को कुल 1,96,002 रुपये का चूना लगा। UPI app का उपयोग करते हुए राजशेखर ने लक्ष्य खन्ना द्वारा दिए गए QR code का उपयोग करके अपने बैंक के माध्यम से आरोपी को पैसे भेजे।

आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार

पीड़ित ने बाद में बेलंदूर पुलिस से संपर्क किया। उनसे लक्ष्य एवं मंजीत सिंह को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया। उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। पुलिस ने धोखाधड़ी से संबंधित एक FIR दर्ज कर ली है। एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की धारा 420 के तहत केस दर्ज किया गया है। राजशेखर ने कहा कि FIR दर्ज करने के बावजूद पुलिस अभी तक आरोपी व्यक्तियों को नहीं पकड़ पाई है।

पहले भी आ चुके हैं मामले

इसी महीने की शुरुआत में बेंगलुरु में एक निजी फर्म के डायरेक्टर से जुड़ा एक ऐसा ही धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। राजशेखर की तरह, डायरेक्टर से एक व्यक्ति ने संपर्क किया जो खुद को सेना अधिकारी बताया था। घोटालेबाज ने कथित तौर पर अधिकारी की दो किशोर बेटियों के लिए ऑनलाइन अंग्रेजी क्लासेस के लिए 15,000 रुपये ट्रांसफर करने का अनुरोध किया।

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अपनी ईमानदारी साबित करने के लिए घोटालेबाज ने आधार कार्ड, आर्मी कैंटीन स्मार्ट कार्ड और एक QR कोड जैसे डॉक्यूमेंट्स भी शेयर किए। जब पीड़ित को महसूस हुआ कि कुछ गड़बड़ है, तो डायरेक्टर ने पाया कि दिए गए आईडी कार्ड और ट्रू कॉलर आईडी पर नाम सेम नहीं थे। इसके बाद डायरेक्टर ने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क किया और खुद को घोटाले से बचाया।

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