उद्योग/व्यापार

एवरेस्ट के कुछ सैंपल में ETO स्टैंडर्ड लिमिट से ज्यादा, सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा

मसाला ब्रांड एवरेस्ट के कुछ सैंपल में एथिलीन ऑक्साइड (ETO) केमिकल की मौजूदगी सख्त मानकों (0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम) के अनुरूप नहीं पाई गई है जिसके बाद सरकार ने कंपनी से इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। कुछ मसाला उत्पादों में ईटीओ के अंश पाए जाने के बाद सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने दो भारतीय मसाला ब्रांड- एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पादों को वापस लौटा दिया था। उसके बाद सरकार ने इन उत्पादों में कैंसरजनक केमिकल की मौजूदगी के परीक्षण के लिए सैंपल इकट्ठा किए थे।

सुधारात्मक कदम

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने इन दोनों कंपनियों से लिए गए सैंपल का परीक्षण किया है और हमने पाया है कि एमडीएच के सभी 18 सैंपल मानकों के अनुरूप थे। लेकिन एवरेस्ट के 12 में से कुछ सैंपल मानकों का गैर-अनुपालन कर रहे थे। इसके लिए हमने उन्हें सुधारात्मक कदम उठाने को कहा गया है और हम इस अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं।”

हालांकि, इस संबंध में टिप्पणी के लिए एवरेस्ट को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है। विभिन्न देश ईटीओ के संबंध में अलग-अलग अधिकतम अवशिष्ट सीमा का पालन करते हैं। जहां यूरोपीय संघ ने यह सीमा 0.02-0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम तय की है, वहीं सिंगापुर में यह 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम और जापान में 0.01 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम है। इन सैंपल का परीक्षण 0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम के आधार पर किया गया था।

मसालों का निर्यात

अप्रैल में मसालों का निर्यात 12.27 प्रतिशत बढ़कर 40.56 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया। अधिकारी ने कहा कि समय के साथ अवशिष्ट सीमा की आवश्यकताएं विकसित हो रही हैं और मसाला उद्योग इस बात से पूरी तरह अवगत है। उन्होंने कहा कि सरकार मसाला निर्यातकों की क्षमता निर्माण के लिए यूएस एफडीए और विश्व व्यापार संगठन के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चला रही है।

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