स्टॉक मार्केट में निवेशकों का रुझान अब काफी तेजी से बढ़ रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान का कहना है कि एक तिहाई कमाई इस समय स्टॉक मार्केट से ही हो रही है। इसके अलावा उन्होंने आज यह भी दावा किया कि अगले 50 साल या इससे पहले ही भारतीय इकॉनमी बढ़कर 100 ट्रिलियन डॉलर यानी 100 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों का अनुमान है कि 2024 के चुनावों से पहले देश की इकॉनमी 4 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी तो दूसरी तरफ NSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 2023 के आखिरी में 4.34 ट्रिलियन डॉलर था। यूबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत में 15.4 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति थी।
NSE के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि अगर दुनिया में 250 ट्रिलियन या इससे अधिक की दौलत तैयार होने जा रही है तो करीब 18 फीसदी जनसंख्या और 20-22 फीसदी युवा आबादी वाले भारत में दुनिया भर के टोटल वेल्थ का करीब 30 फीसदी तैयार हो सकता है। उन्होंने ये बातें बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी (BCAS) के रीइमेजिन 2024 इवेंट पर कैसे देश का कैपिटल मार्केट पूंजी तैयार करने में मदद कर रहा है, इस पर बोलते हुए कही।
BitCoin से की तुलना
अभी यहां 8.5 करोड़ निवेशक हैं जिनमें से 2 करोड़ से अधिक महिलाएं हैं, जबकि 5 करोड़ से अधिक परिवार सीधे शेयर बाजारों के माध्यम से निवेश करते हैं, जो देश के कुल परिवारों का 17-18 फीसदी है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में स्टॉक मार्केट में भारतीयों की हिस्सेदारी विश्वास की एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में कैपिटल मार्केट के चलते लोगों की जीवनशैली बदल गई है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिटकॉइन का मकसद अगले मूर्ख की तलाश करना है, जबकि शेयर बाजार का मकसद किसी कंपनी के मुनाफे में हिस्सेदारी का वादा है।
2023 में बढ़ी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग
पिछले साल 2023 में एनएसई पर निवेशकों की संख्या फरवरी से सितंबर तक के आठ महीने में 7 करोड़ से बढ़कर 8 करोड़ पर पहुंच गई। इसके बाद 2023 के आखिरी में निवेशकों की संख्या 8.5 करोड़ पहुंच गई। ये निवेशक कुछ सीमित जगहों से ही नहीं हैं बल्कि 99.8 फीसदी पिनकोड से निवेशक हैं। जनसंख्या के मामले में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 90 लाख पार्टिसिपेंट्स हैं और यह सबसे अधिक रजिस्टर्ड निवेशकों के मामले में दूसरे स्थान पर है। अब ऐसे इंडिविजुअल निवेशकों की बात करें, जिन्होंने पिछले साल 2023 में कम से कम एक बार इक्विटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग की, उनकी संख्या सालाना आधार पर 31 फीसदी उछलकर 83.6 लाख पर पहुंच गई तो कैश सेगमेंट में यह संख्या 0.4 फीसदी गिरकर 2.67 करो़ड पर आ गई।