यूएन मानवतावादी समन्वयक जेमी मैकगोल्डरिक ग़ाज़ा में संकट से घिरे लोगों के लिए राहत प्रयासों का निरीक्षण कर रहे हैं. इसराइल का दावा है कि एक हज़ार से अधिक ट्रकों ने पिछले कुछ दिनों में ग़ाज़ा में प्रवेश किया है, मगर उन्होंने फ़लस्तीन में लगभग 800 ट्रकों के पहुँचने की बात कही.
“इसराइल के लिए यह कहना आसान है कि हमने आपके लिए एक हज़ार ट्रक भेजे हैं, और कृपया ग़ाज़ा के भीतर उन्हें पहुँचाइए.”
इसके मद्देनज़र, उन्होंने इसराइली प्रशासन से अपील की है कि एक क़ाबिज़ शक्ति के तौर पर उनका दायित्व तभी ख़त्म होता है, जब मानवीय सहायता ग़ाज़ा में आम लोगों तक पहुँच चुकी हो.
सीमा चौकियों पर लम्बी देरी और ग़ाज़ा में पसरी असुरक्षा के कारण मानवीय राहत ज़रूरतमन्दों तक पहुँचाने में मुश्किलें पेश आ रही हैं.
जेमी मैकगोल्डरिक ने गुरूवार को विस्फोटक की चपेट में आने वाले यूनीसेफ़ के वाहन का उल्लेख किया, और बताया कि इसे सलाह अल दीन सड़क पर कई घंटों के लिए रोक कर रखा गया था.
उनके अनुसार, इस महीने अब तक ऐसे 60 घंटे बर्बाद हो चुके हैं. इसकी वजह से उत्तरी ग़ाज़ा में जाने के लिए दिन ढल चुका होता है चूँकि आप दिन के घंटों में ही आवाजाही कर सकते हैं.
इस वजह से मिशन को कभी-कभी स्थगित कर दिया जाता है. “और फिर हमें क़ाफ़िला रद्द करने, उत्तर के लिए मिशन को रद्द करने के लिए इसराइल के दोषारोपण का सामना करना पड़ता है.”
सहायता प्रयासों में मुश्किलें
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग़ाज़ा में मानवीय राहत के लिए तीन सड़क मार्ग खुले हैं: मध्य मार्ग, जोकि सलाह अल दीन रोड से जाता है; तटीय अल राशिद रोड; और ग़ाज़ा के पूर्व में स्थित सैन्य रोड.
उनके अनुसार, पिछले महीने एक बार भी ऐसा नहीं हुआ, जब ये तीनों सड़क मार्ग, या इनमें से दो भी एक साथ काम कर रहे हों, और इन सभी की हालत बेहद ख़राब है.
उन्होंने इसराइली सेना के साथ सीधी टेलीफ़ोन लाइन की आवश्यकता बताई, ताकि हालात के अनुरूप उनसे बात की जा सके. उन्होंने ध्यान दिलाया कि दो सप्ताह पहले वर्ल्ड सैंट्रल किचन नामक संगठन के कर्मचारियों की बमबारी में मौत होना दर्शाता है कि मानवीय सहायताकर्मी कितने जोखिमों के बीच काम कर रहे हैं.
यूएन अधिकारी के अनुसार हाथ में पकड़े जाने वाले रेडियो, वीएचएफ़ रेडियो, वे सभी उपकरण जिनका संकट के दौरान आम तौर में इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें रखना होगा, फ़िलहाल ये उनके पास नहीं है.
बताया गया है कि ऐसे उपकरणों के हमास लड़ाकों के हाथ में पड़ जाने की आशंका की वजह से उन्हें मुहैया नहीं कराया गया है.
ज़िन्दगियों पर जोखिम
मानवतावादी समन्वयक जेमी मैकगोल्डरिक ने शुक्रवार को येरूशेलम से जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने दो सप्ताह पहले, कमाल अदवान अस्पताल का दौरा किया था, जहाँ बच्चों के वार्ड में हर बच्चा, भूख से जूझ रहा था और उसके जीवन के लिए ख़तरा था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ग़ाज़ा में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की गम्भीर हालात पर चिन्ता व्यक्त की है, और मरीज़ों के बेहतर उपचार के लिए उन्हें सुरक्षित किसी अन्य केन्द्र में ले जाने के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है.
संगठन के अनुसार, ग़ाज़ा के सबसे बड़े अस्पताल, अल शिफ़ा को दो सप्ताह तक चले इसराइली सैन्य अभियान में भारी क्षति पहुँची है और विशेषीकृत सर्जरी खंड में एक बड़ा गढ्ढा हो गया है.
अस्पताल पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, ऑक्सीजन प्लांट, लैब उपकरण, सीटी स्कैनर और जीवनदायी सेवाएँ प्रदान करने वाले अन्य अहम सामान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं.
यूएन स्वास्थ्य संगठन समेत अन्य यूएन एजेंसियों ने अल शिफ़ा में मिले शवों का सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार किया है. उनके शवों को नाम दिया गया है ताकि भविष्य में डीएनए परीक्षण के ज़रिये उनकी पहचान की जा सके.