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उत्तरी ग़ाज़ा में, नारकीय हालात का फ़िलहाल कोई अन्त नहीं, UNRWA प्रमुख ने जताया क्षोभ

उत्तरी ग़ाज़ा में, नारकीय हालात का फ़िलहाल कोई अन्त नहीं, UNRWA प्रमुख ने जताया क्षोभ

यूएन एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी की यह चेतावनी, इसराइली सेना द्वारा नए सिरे से बेदख़ली आदेश जारी किए जाने के बाद आई है. हालांकि अनेक लोगों ने इसे मानने से इन्क़ार कर दिया है, चूँकि उनके अनुसार ग़ाज़ा में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है.

ग़ाज़ा पट्टी में इसराइल की भीषण बमबारी और ज़मीनी सैन्य अभियान जारी है. इसराइली सैन्य बलों ने पिछले सप्ताहांत को जबालिया शरणार्थी शिविर की घेराबन्दी की बात कही थी, जिसके बाद मंगलवार को बेदख़ली आदेश दिए गए हैं.

ग़ाज़ा के पूर्वोत्तर में स्थित बेइत लाहिया और बेइत हनून इलाक़ों में भी हवाई हमलों की ख़बरें हैं, जहाँ सड़क मार्ग बन्द हैं.

UNRWA के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने बुधवार को चिन्ता जताई कि देश के उत्तरी इलाक़े में भीषण सैन्य अभियान के कारण, जीवनरक्षक सहायता अभियान बन्द करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि यूएन एजेंसी द्वारा जिन स्कूलों को अस्थाई आश्रय स्थलों में तब्दील किया गया है, उनमें से सात को ख़ाली कराया जा रहा है. जबालिया कैम्प में आठ जल कुँओं में से केवल दो से काम चलाना पड़ रहा है. ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में अब भी चार लाख लोगों के होने का अनुमान है.

UNRWA प्रमुख के अनुसार, बच्चे सबसे पहले और सर्वाधिक पीड़ितों में हैं, भूख संकट का दायरा फैल और गहरा रहा है, और बुनियादी आपूर्ति का अभाव है.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पिछले 24 घंटों में कम से कम 45 लोगों की जान गई है और 130 घायल हुए हैं.

7 अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व में इसराइल में हुए आतंकी हमलों में 1,250 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक को बन्धक बना लिया गया था. उसके बाद, इसराइली सैन्य कार्रवाई में अब तक 42 हज़ार फ़लस्तीनियों की जान गई है और 97 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.

लेबनान में तबाही

उधर, लेबनान में यूएन मानवतावादी कार्यालय ने बताया है कि इसराइल द्वारा निरन्तर बमबारी की जा रही है और अब नए इलाक़े भी इसकी चपेट में आए हैं. वहीं, सशस्त्र गुट हिज़बुल्ला द्वारा इसराइल पर रॉकेट हमले किए गए हैं.

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने बताया कि केवल एक दिन में, 6 अक्टूबर को बेरूत के बाहरी इलाक़ों में 30 से अधिक हवाई हमले हुए हैं. भयभीत लोगों ने घनी आबादी वाले इलाक़ों को ख़ाली करने का आदेश दिया है, जिनमें शतीला फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर भी है.

लेबनान में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 8 अक्टूबर 2023 से अब तक दो हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 9 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. पिछले दो सप्ताह के दौरान, इसराइली हवाई हमलों और ज़मीनी सैन्य अभियान के कारण हताहतों की संख्या में उछाल आया है.

ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध भड़कने के बाद उत्तरी इसराइल पर हिज़बुल्लाह ने रॉकेट हमले शुरू कर दिए थे, जो अब भी जारी हैं.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OCHCR) के अनुसार, लेबनान में 25 फ़ीसदी हिस्सा, इसराइली सेना के बेदख़ली आदेशों से प्रभावित है. विस्थापन आदेश, हर दिन दिए जा रहे हैं और 100 से अधिक गाँवों व शहरी इलाक़ों में लोग, जबरन अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर हुए हैं.

यूएन एजेंसी के आँकड़ों के अनुसार, 12 लाख से अधिक लोग आन्तरिक तौर पर विस्थापित हैं, जिनमें साढ़े तीन लाख से अधिक बच्चे भी हैं. एक लाख 80 हज़ार लोगों ने 978 आश्रय स्थलों पर शरण ली हैं, जिनमें से 775 में भारी भीड़ है.

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