भारत में कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी कर सकती हैं। एक सर्वे के मुताबिक ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सेक्टरों में सबसे ज्यादा सैलरी बढ़ने का अनुमान है। कंसल्टेंसी फर्म मर्सर (Mercer) ने 27 फरवरी को टोटल रेम्युनरेशन सर्वे (TRS) जारी किया। इसके मुताबिक, पिछले साल यानी 2023 में औसत सैलरी बढ़ोतरी 9.5 पर्सेंट रही।
सर्वे में कहा गया है, ‘ यह ट्रेंड भारत की मजबूत इकनॉमिक परफॉर्मेंस के साथ-साथ इनोवेशन और टैलेंट के हब के तौर पर इसकी पहचान को दिखाता है। भारत में ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग एंड इंजीनियरिंग के अलावा लाइफ साइंसेज सेक्टर के एंप्लॉयीज की सैलरी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद है।’ यह सर्वे मई और अगस्त 2023 के बीच किया गया और इसमें 1,474 कंपनियों, 6000 से भी ज्यादा जॉब रोल और 21 लाख से भी ज्याादा एंप्लॉयीज को शामिल किया गया।
सर्वे में अलग-अलग इंडस्ट्रीज में मौजूद सैलरी के ट्रेंड्स पर फोकस किया गया। सर्वे के मुताबिक, सैलरी में बढ़ोतरी के लिए व्यक्तिगत परफॉर्मेंस, कंपनी की परफॉर्मेंस और सैलरी की रेंज अहम फैक्टर्स हैं। इस साल भारत में सैलरी में औसत बढ़ोतरी 10 पर्सेंट रह सकती है। सर्वे में कहा गया है कि भारत में वॉलंट्री एट्रिशन (स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने की दर) 2021 में 12.1 पर्सेंट था, जो 2022 में बढ़कर 13.5 पर्सेंट हो गया।
मसर्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘साल 2023 के छमाही आंकड़ों से साफ है कि भारत में एट्रिशन में पिछले साल के मुकाबले मामूली बढ़ोतरी हुई है और यह ट्रेंड दुनिया के अन्य हिस्सों मसलन ब्राजील, चीन, ऑस्ट्रेलिया और जापान में भी देखने को मिल रहा है। मसर्र में कंसल्टिंग लीडर मानसी सिंघल का कहना था कि सैलरी में बढ़ोतरी का यह अनुमान भारतीय बाजार में उम्मीद और भरोसे को जाहिर करता है।’