सरकारी कंपनी कोल इंडिया, माइंस मिनिस्ट्री की नीलामी में 3 ब्लॉक के लिए बिड करेगी। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) पी. एम. प्रसाद ने पोस्ट अर्निंग कॉन्फ्रेंस कॉल में यह जानकारी दी। भारत सरकार ने मिनरल्स की नीलामी का पहला दौर पिछले साल नवंबर में लॉन्च किया था। इसका मकसद 450 अरब रुपये जुटाना था।
कोल इंडिया के एक और सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि कंपनी लिथियम और निकेल माइंस के लिए 26 फरवरी को होने वाली बिडिंग में हिस्सा लेगी। प्रसाद ने कहा कि कंपनी के प्रतिनिधियों ने ऑस्ट्रेलिया में भी लिथियम माइंस का भी दौरा किया है और इसे ऑपरेट करने के लिए बातचीत अभी शुरुआती चरण में है।
प्रसाद का कहना था कि कोल इंडिया को पूरी उम्मीद है कि वह मौजूदा वित्त वर्ष में 78 करोड़ डॉलर का अपना प्रोडक्शन टारगेट हासिल कर लेगी। हालांकि, उनका यह भी कहना था कि जमीन और पर्यावरण संबंधी मंजूरी से जुड़ी चुनौतियों के कारण कंपनी से जुड़ी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स यूनिट में 80-90 लाख टन की गिरावट हो सकती है।
कोल इंडिया की इन्वेंट्री रिकॉर्ड हाई पर है और इस वजह से माइनिंग कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपना सालाना प्रोडक्शन टारगेट 1.4 पर्सेंट घटाकर 83.8 करोड़ टन कर लिया है। रिकॉर्ड हाई इन्वेंट्री की वजह से कंपनी के ई-ऑक्शन प्रीमियम पर असर पड़ा है जिसमें जनवरी और फरवरी में 36-50 पर्सेंट की गिरावट हुई।