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इन SmallCap शेयरों की गिरावट का FIIs ने उठाया फायदा, सबसे अधिक इस स्टॉक में की खरीदारी

इन SmallCap शेयरों की गिरावट का FIIs ने उठाया फायदा, सबसे अधिक इस स्टॉक में की खरीदारी

FIIs Buying: इस साल 2024 की शुरुआत से स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में काफी करेक्शन दिखा। रेगुलेटरी वार्निंग्स और वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओं के चलते इसमें करेक्शन दिखा। हालांकि विदेशी निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और मार्च तिमाही में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स की लगभग 60 फीसदी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। पिछली तिमाही की तुलना में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स के 1000 शेयरों में से 596 में FII की होल्डिंग बढ़ी, 384 में गिरावट आई, जबकि 18 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। मार्च तिमाही में FII ने सबसे अधिक शेयर सुजलॉन के खरीदे और उनके पोर्टफोलियो में 23 करोड़ शेयर बढ़ गए। इसके बाद रिलायंस पावर और विकास लाइफकेयर के शेयरों की सबसे अधिक खरीदारी की।

FII के पोर्टफोलियो में सुजलॉन एनर्जी के 231 करोड़ शेयर से बढ़कर 254 करोड़ शेयर, रिलायंस पावर के 31.89 करोड़ से बढ़कर 52.27 करोड़ शेयर और विकास लाइफकेयर के 2.46 लाख शेयर से बढ़कर 18 करोड़ शेयर हो गए। इसके अलावा FII ने साउथ इंडियन बैंक, ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स, रतन इंडिया पावर, जेपी पावर वेंचर, जीनस पावर इंफ्रा, पैसालो डिजिटल, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, लेमन ट्री और इंफीबीम एवेन्यूज के भी शेयरों की खरीदारी की।

FIIs क्यों डाल रहे हैं SmallCaps में पैसे

डीएसपी म्यूचुअल फंड के इक्विटीज हेड विनीत सांबरे का कहना है कि लॉर्ज कैप शेयरों की सीमित तेजी के चलते निवेशक मिड और स्मॉलकैप की तरफ भाग रहे हैं जिसमें एग्रीकल्चर, डेयरी और बिल्डिंग मैटेरियल्स इत्यादि हैं। वैल्यूएशन से जुड़ी चिंता के बावजूद करेक्शन को विदेशी निवेशकों ने स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में निवेश के मौके के तौर पर लिया। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट स्नेहा पोद्दार का कहना है कि सरकार का फोकस इंफ्रा डेवलपमेंट पर है और अगले कुछ वर्षों में भारत मैनुफैक्चरिंग हब बन सकता है जिससे ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। इसके चलते लॉन्ग टर्म को देखते हुए भारत निवेश के लिए बेहतरीन बन रहा है जिसे FII नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। चूंकि लॉर्ज कैप की तुलना में स्मॉल कैप में अधिक तेजी आ सकती है तो हालिया करेक्शन को FII ने निवेश के शानदार मौके के तौर पर लिया।

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क्या है एनालिस्ट्स का रुझान

फरवरी में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.15 फीसदी की गिरावट आई, इसके बाद मार्च में 4.55 फीसदी की गिरावट आई। इस महीने अप्रैल में अब तक BSE SmallCap इंडेक्स करीब 7.7 फीसदी मजबूत हुआ है जबकि निफ्टी महज 0.2 फीसदी ही ऊपर चढ़ा है। एनालिस्ट्स के मुताबिक स्मालकैप स्पेस में कुछ और समय तक निफ्टी की तुलना में अधिक तेजी रह सकती है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि निवेशकों को सावधान रहना चाहिए और महज अफवाहों या सुझावों के आधार पर ही निवेश नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कुछ शेयरों से कुछ मुनाफावसूली भी कर सकते हैं ताकि बाकी शेयरों में तैनाती के लिए नकदी जुटाई जा सके या बाजार की कमजोरी के समय में नकदी जुटाई जा सके।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल हेड दीपक जासानी का कहना है कि स्मॉलकैप शेयरों के निवेशक ताबड़तोड़ रिटर्न की उम्मीद में ऐसे शेयरों की तलाश करते हैं जो मध्यम या लंबी अवधि में मिड और लार्ज-कैप स्टॉक बन सकते हैं। नियामकीय चेतावनी के चलते इसमें कुछ करेक्शन हुआ तो नए निवेशकों ने या पुराने निवेशकों ने शेयरों की संख्या बढ़ा दी। दीपक के मुताबिक निवेशकों को इन शेयरों की गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है और गिरावट की स्थिति में और खरीदारी कर सकते हैं।

इन मिडकैप स्टॉक्स पर फंड मैनेजर्स को नहीं है भरोसा, आपके पोर्टफोलियो में है कोई?

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