रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy Ltd) पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 260.35 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नेशनल फेसलेस एसेसमेंट सेंटर ने एसेसमेंट ईयर 2016-17 और 2017-18 के मामले में यह कार्रवाई की है। यह पेनाल्टी गुडविल पर आधारित डेप्रिसिएशन के क्लेम को अस्वीकार करने से जुड़ी है।
हालांकि, कंपनी ने पेनाल्टी के आदेशों पर आपत्ति जताई है। सुजलॉन ने कहा है कि पहले के न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए कंपनी का मानना है कि जब तक इस सिलसिले में अपील पर सुनवाई पूरी नहीं की जाती है, तब तक पेनाल्टी की कार्यवाही को रोक कर रखा जाना चाहिए। कंपनी का कहना है कि इस सिलसिले में अपील फिलहाल ट्राइब्यूनल के पास पेंडिंग है, लिहाजा उसकी नजर में पेनाल्टी ऑर्डर अभी उचित नहीं है।
सुजलॉन एनर्जी के बयान में कहा गया है, ‘कंपनी अपीलेट/न्यायिक फोरम के सामने पेनाल्टी को चुनौती देने की प्रक्रिया में है और केस के तथ्यों के आधार पर उसे अपने पक्ष का बचाव कर लेने का पूरा भरोसा है।’ पेनाल्टी के बारे में कंपनी ने बताया कि क्लेम अस्वीकार करने से संबंधित सेक्शन 14ए के तहत 35.11 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जबकि सेक्शन 32 (1) के तहत गुडविल से जुड़े डेप्रिसिएशन को अस्वीकार करने को लेकर 132.48 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा, लेट पेमेंट के मामले में पेनाल्टी लगाई गई है।