पश्चिम बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार शाम को मुर्शिदाबाद में जिला नेताओं के साथ एक संगठनात्मक बैठक की और वहां से यह संदेश दिया कि तृणमूल कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में 42 में से 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार है, इसलिए आप सब मिलकर काम करें। जब टीएमसी नेता कुणाल घोष से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हां, हमारी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सभी को 42 सीटों के लिए तैयार रहने को कहा है। ममता बनर्जी इंडिया अलायंस को लेकर काफी गंभीर हैं और सोनिया जी राहुल जी के साथ बातचीत कर रही हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में देखा जा रहा है कि कांग्रेस नेता, तृणमूल कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं और बीजेपी की मदद कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी सीटों के एडजस्टमेंट को लेकर तैयार हैं। अब उन्हें देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रतिशत कितना रहा है। सीपीएम के साथ कांग्रेस गठबंधन को जीरो पर जीत मिली थी, अब कांग्रेस दबाव की राजनीति करेगी तो यह संभव नहीं होगा।
अधीर रंजन चौधरी ने दिया ममता को जवाब-आई डोंट केयर
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के बयान पर शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की तृणमूल की नई योजना की परवाह नहीं है। सभी सीटों में अधीर चौधरी की बहरामपुर भी शामिल है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस विपक्षी इंडिया ब्लॉक का एक प्रमुख सदस्य है। अधीर चौधरी 1999 से इस सीट से जीत रहे हैं। अधीर ने कहा, “मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे नेताओं ने इस मुद्दे पर बात की है। मैं चुनाव लड़कर और जीतकर यहां पहुंचा हूं। मुझे पता है कि कैसे लड़ना है और कैसे जीतना है।”
ममता ने अधीर को दी है सीधी चुनौती
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी को तीन लोकसभा सीटें – जंगीपुर, मुर्शिदाबाद और बहरामपुर जीतनी चाहिए। 2019 के चुनाव में पहले दो में तृणमूल ने जीत हासिल की, इसलिए अपनी पार्टी के नेताओं को ममता का आदेश अधीर के लिए सीधी चुनौती थी। ममता ने कहा कि अगर गठबंधन वार्ता में उनकी पार्टी को उचित महत्व नहीं दिया गया तो पार्टी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
कैसे होगा सीटों का तालमेल?
पश्चिम बंगाल में सीट-बंटवारे की बातचीत में बाधा आनी तय थी क्योंकि अधीर चौधरी ममता बनर्जी के कट्टर आलोचक हैं। इससे पहले, अधीर ने कहा कि कांग्रेस तृणमूल से सीटों की भीख नहीं मांगेगी, जिस पर ममता ने जवाब देते हुए कहा कि सीट-बंटवारा और बुरा-भला गठबंधन सहयोगी एक साथ नहीं चल सकते। पंजाब में भी इंडिया ब्लॉक को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आप और कांग्रेस के बीच कोई समझौता संभव नहीं दिख रहा है। तो वहीं, महाराष्ठ्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की बातचीत की कीमत कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा को चुकानी पड़ी, जिन्होंने कांग्रेस का साथ ही छोड़ दिया क्योंकि कांग्रेस ने संकेत दिया था कि मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र उद्धव की पार्टी को जाएगा।