मेडागास्कर चरम मौसम की घटनाओं से ग्रस्त है. वहाँ संयुक्त राष्ट्र इस अफ़्रीकी द्वीपीय देश की आबादी को, इसका सामना करने में मदद करने के लिए, अधिकारियों के साथ काम कर रहा है.
हाल के वर्षों में, मेडागास्कर अभूतपूर्व चक्रवातों की चपेट में आ गया है, और देश को, चार दशकों में सबसे गम्भीर सूखे का सामना करना पड़ा है, जिससे बड़े पैमाने पर खाद्य अभाव हुआ है और हज़ारों लोग, अकाल की स्थिति में पहुँच गए हैं.
अल नीनो का सामना करने की कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र की जलवायु संकट समन्वयक रीना घेलानी, मेडागास्कर में हैं, जहाँ वो, स्थानीय आबादी को अधिक सहनसक्षम और चरम मौसम के प्रति कम संवेदनशील बनाने के लिए, बनाई गई परियोजनाओं का जायज़ा ले रही हैं. उन्होंने यूएन न्यूज़ के डेनियल डिकिंसन के साथ बातचीत की…
रीना घेलानी: अल नीनो एक नियमित मौसम घटना है जो समुद्र के आसपास हवा के तापमान को प्रभावित करती है. जलवायु संकट के परिणामस्वरूप, हम इसे अधिक बार और अधिक तीव्रता से घटित होते हुए देख रहे हैं.
इसके प्रभाव बहुत अधिक गम्भीर हैं, जिससे या तो गम्भीर बाढ़ या सूखा पैदा हो रहा है, जिसे हम दक्षिणी अफ़्रीका के अनेक हिस्सों में देख रहे हैं. और, चूँकि समुदायों के पास पिछले प्रभाव से उबरने का समय नहीं है, वे अधिक असुरक्षित हैं, और उन्हें ठीक होने में अधिक समय लगता है.
यूएन न्यूज़: यहाँ रहने वाले लोगों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
रीना घेलानी: वे जीने के लिए आवश्यक भोजन का उत्पादन में असमर्थ हैं. इसके बड़े पैमाने पर निहितार्थ हैं: यदि आप ख़ुद का पेट नहीं भर सकते, तो आप अपने बच्चों को, भोजन खोजने के अन्य तरीक़ों की तलाश में भेज रहे हैं, इस कारण से, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. इसका दुष्परिणाम यह है कि यहाँ समुदाय तबाह हो रहे हैं. वे हमें बता रहे हैं कि वे नहीं जानते कि भविष्य में क्या होगा.
यूएन न्यूज़: हम मेडागास्कर के दक्षिण में एक क्षेत्र में बात कर रहे थे. उदाहरण देख रहे थे कि देश, अल नीनो घटना का सामना करने केल ए, किस तरह तैयारी कर रहा है. आप जो देख रही हैं, क्या आप बयान कर सकती हैं?
रीना घेलानी: हम, एक अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में, और सरकारों के रूप में, या तो तब तक इन्तज़ार कर सकते हैं जब तक हमें जीवनरक्षक सहायता प्रदान नहीं करनी पड़े, या हम वह कर सकते हैं जो वे यहाँ पहले से ही कर रहे हैं; प्रभाव को कम करने के तरीक़ों पर विचार करना, सूखे की स्थिति में जीवित रहने वाले बीजों पर शोध करना, समुदायों तक पानी कैसे पहुँचाया जाए, और समुदाय के लिए आजीविका कमाने के अन्य तरीक़े खोजना. यह धन और जीवन बचाने के मामले में, उन्हें समर्थन देने का कहीं अधिक लागत प्रभावी तरीक़ा है.
यूएन न्यूज़: पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ क्या भूमिका निभाती हैं?
रीना घेलानी: कई दक्षिणी अफ़्रीकी देशों में अब ऐसी प्रणालियाँ हैं जो समुदायों को [चरम मौसम की आसन्न घटनाओं की] चेतावनी देते हैं. और इसलिए, हमें अभी से तैयारी करने की ज़रूरत है. और उस शोध को करने की लागत, आपदा घटित होने की प्रतीक्षा करने से सात गुना सस्ती है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सभी के लिए प्रारम्भिक चेतावनी पहल को, संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से, सरकार मेडागास्कर में लागू कर रही है. यह वो क्षेत्र है जिसने पिछले 15 वर्षों में लगभग 48 चक्रवातों का सामना किया है, और अब सूखे की आशंका है. समुदायों को समय से पहले तैयार होने में मदद करने के लिए चेतावनी प्रणालियों का उपयोग किया जाएगा.
यूएन न्यूज़: सामना करने की सफल कार्रवाई के लिए स्थानीय साझीदारों के साथ अच्छा सहयोग कितना महत्वपूर्ण है?
रीना घेलानी: हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि सरकारों के पास प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई करने की क्षमता हो. हमें अपनी क्षमताओं को अधिकतम करने के लिए, उनके साथ-साथ, मानवतावादी और विकास समुदायों के साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है. हमें स्थानीय लोगों की बात भी सुननी होगी: वे मौसम को जानते हैं, वे जानते हैं कि यह बदल रहा है, और वे जानते हैं कि क्या काम करता है.
यूएन न्यूज़: ज़मीनी स्तर पर सफलता आपके लिए कैसी दिखती है?
रीना घेलानी: इस रूप में कि यहाँ लोग, जीविकोपार्जन करने, अपना भरण-पोषण करने और अपने बच्चों को स्कूल भेजने में सक्षम हों.