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अमेरिका: आपसी मेलमिलाप के ज़रिये हालात में बेहतरी लाना सम्भव

अमेरिका: आपसी मेलमिलाप के ज़रिये हालात में बेहतरी लाना सम्भव

ग़ाज़ा, सूडान और यूक्रेन में जारी युद्धों के साथ जलवायु संकट, कृत्रिम बुद्धिमता से उपजी चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ा जा सकता है. “हमारी क्षमता से परे ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे हम एक साथ मिलकर हासिल ना कर सकें.”

“हमारी परीक्षा यह सुनिश्चित करना है कि हमें एक साथ बाँधे रखने वाली शक्तियाँ, हमें दूर ले जाने वाली शक्तियों से ताक़तवर हों.”

राष्ट्रपति बाइडेन ने बताया कि रूसी हमले के बाद, अमेरिका ने सदैव यूक्रेन का साथ दिया है और यूएन चार्टर को बरक़रार रखा है.

वहीं, इसराइल और ग़ाज़ा में मासूम आम नागरिक, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा शुरू किए गए युद्ध के कारण नारकीय हालात से जूझ रहे हैं.

इन हमलों में इसराइल में एक हज़ार से अधिक लोगों की जान गई थी और 250 को बन्धक बना लिया गया था, और उसके बाद से ग़ाज़ा में हज़ारों आम लोग मारे जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि क़रीब एक साल से जारी युद्ध पर विराम लगाने के लिए प्रयास जारी हैं.

उन्होंने सूडान युद्ध के समाधान के लिए सैन्य नेताओं से बात करने पर बल दिया ताकि मानवीय सहायता को रोकना बन्द किया जाए और लड़ाई का अन्त हो सके.

राष्ट्रपति बाइडेन के अनुसार, कहीं युद्ध ना हो, केवल यही पर्याप्त नहीं है. टिकाऊ विकास लक्ष्यों, जलवायु कार्रवाई के लिए अमेरिकी समर्थन का भरोसा दिलाया, और कहा कि वे 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 50 फ़ीसदी की कटौती के रास्ते पर हैं.

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधार के मुद्दे पर, उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर की वास्तविकताओं के अनुरूप यूएन को ढालना होगा, और इनमें सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या में विस्तार के अलावा, मौजूदा व्यवस्था में सुधार के लिए उनका समर्थन है.

राष्ट्रपति बाइडेन के अनुसार हम कृत्रिम बुद्धिमता टैक्नॉलॉजी को किस तरह से भलाई के लिए इस्तेमाल में लाते हैं, यह नेतृत्व की एक बड़ी परीक्षा होगी. 

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