दिल्ली के भारत मंडपम में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रविवार को कांग्रेस और I.N.D.I.A गठबंधन के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। अमित शाह ने “बीजेपी देश की आशा और विपक्ष की हताशा” प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि देश ने तय कर लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से देश के पीएम बनेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी जाओगे तो लोग पूछेंगे कि मोदी के भारत से आ रहे हो।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, “75 वर्ष में इस देश ने 17 लोकसभा चुनाव, 22 सरकारें और 15 प्रधानमंत्री देखे हैं। देश में हर सरकार ने अपने समय पर समयानुकूल विकास करने का प्रयास किया है, लेकिन आज मैं बिना किसी कन्फ्यूजन के कह सकता हूं कि समग्र विकास, हर क्षेत्र का विकास और हर व्यक्ति का विकास करने का काम केवल नरेंद्र मोदी जी के 10 वर्षों में हुआ है। मोदी जी ने 10 ही साल में ही परिवारवाद, जातिवाद, तुष्टीकरण को खत्म किया।”
“पांडवों और कौरवों की तरह चुनाव से पहले दो खेमे”
उन्होंने कहा, “पांडवों और कौरवों की तरह चुनाव से पहले दो खेमे हैं। मैं आज आप सबके माध्यम से भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि अगले चुनाव में दो खेमें आमने-सामने हैं। एक तरफ है मोदी जी के नेतृत्व में NDA का गठबंधन और दूसरा है कांग्रेस के नेतृत्व में सारी परिवारवादी पार्टियों का घमंडिया गठबंधन। ये घमंडिया गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का पोषक है और भाजपा एवं NDA गठबंधन राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर चलने वाला गठबंधन है। राष्ट्र प्रथम हमारे गठबंधन का आधार है।”
“दूसरी ओर अपने परिवार की चिंता करने वाली पार्टी”
शाह ने कहा, “एक कहावत है बड़े मिया तो बड़े मियां छोटे मिया सुभान अल्लाह, आम आदमी पार्टी आबकारी घोटला, मोहल्ला क्लीनिक घोटाला और कोर्ट से भागता है, छत्तीसगढ़ में महादेव घोटाला हुआ, लालू जी सजायाफ्ता हैं, पूरा इंडी अलायंस भ्रष्टाचार से लिप्त है। देश की जनता को तय करना है कि मोदी को मैनडेट देना है या इंडी अलायंस को देना है।” उन्होंने कहा, “मोदी जी देश के गरीबों के लिए काम कर रहे हैं, दूसरी ओर अपने परिवार की चिंता करने वाली पार्टी है।”
पूछा- राजनीति में इंडिया गठबंधन का उद्देश्य क्या है?
उन्होंने कहा, “राजनीति में इंडिया गठबंधन का उद्देश्य क्या है? पीएम मोदी का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत है। सोनिया गांधी का लक्ष्य राहुल गांधी को पीएम बनाना है, पवार साहब का लक्ष्य अपनी बेटी को सीएम बनाना है। ममता बनर्जी का लक्ष्य अपने भतीजे को सीएम बनाना है, स्टालिन का लक्ष्य अपने बेटे को सीएम बनाना है, लालू यादव का लक्ष्य अपने बेटे को सीएम बनाना है, उद्धव ठाकरे का लक्ष्य अपने बेटे को सीएम बनाना है और मुलायम सिंह यादव ने सुनिश्चित किया कि उनका बेटा सीएम बनता है। जिनका लक्ष्य अपने परिवार के लिए सत्ता हासिल करना है, क्या वे कभी गरीबों के कल्याण के बारे में सोचेंगे?”
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