अबू धाबी सिक्योरिटीज एक्सचेंज में अचानक आई तेजी ने दुनियाभर के फंड मैनेजर्स का ध्यान खींचा है। इस स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों की वैल्यूएशन 1 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई है। यह ब्राजील और स्पेन को पीछे छोड़ दुनिया का 17वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया है। लेकिन, ग्लोबल फंड मैनेजर्स के लिए मुश्किल यह है कि इस स्टॉक एक्सचेंज पर शाही परिवार से जुड़े कुछ लोगों का दबदबा है। शाही परिवार से जुड़े शेख तहनून बिन जायद अल नहयान का इस स्टॉक एक्सचेंज से करीबी रिश्ता है। इस स्टॉक एक्सचेंज के बेंचमार्क इंडेक्स FTSE ADX General Index में शेख से जुड़ी कंपनियों का वेटेज कम से कम 65 फीसदी है। शेख अबू धाबी के दो उप-शासकों में से एक हैं।
शेख की International Holding Co (IHC) की दुनिया की कई नामी कंपनियों में निवेश है। इनमें रिहाना की लान्शरै लाइन (Lingerie Line) से लेकर एलॉन मस्क की SpaceX शामिल हैं। 2019 से अब तक IHC के स्टॉक 400 गुना हो चुका है। कभी फिश फार्मिंग कंपनी रही आईएचसी की वैल्यूएशन करीब 240 अरब डॉलर पहुंच गई है। इस तरह वैल्यूएशन के लिहाज से यह Walt Disney Co या McDonald’s Corp से आगे निकल चुकी है। मजेदार बात यह है कि IHC उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग से भी मुनाफा कमाती है, जहां यह खुद लिस्टेड है।
शेख का प्रभाव काफी व्यापक है। वह अबू धाबी के शासक परिवार अल नहयान के बिजनेस का एक तरह से बॉस हैं। यह दुनिया में सबसे अमीर परिवार है। उनके तहत करीब 1.5 ट्रिलियन डॉलर का एसेट्स है। इनमें ज्यादातर सॉवरेन फंड्स हैं। यह ठीक उसी तरह से है जैसे कोई व्यक्ति न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज को संचालित करे और S&P 500 स्टॉक इंडेक्स में शामिल दो-तिहाई कंपनियां उसी की हों।
कई बैंकर्स, इकोनॉमिस्ट्स और इनवेस्टर्स अबू धाबी के स्टॉक एक्सचेंज के स्ट्रक्चर को असामान्य मानते हैं। ग्लोबल फंड मैनेजर्स अबू धाबी स्टॉक एक्सचेंज में निवेश से मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं। लेकिन, इस एक्सचेंज का स्ट्रक्चर उनके रास्ते में रुकावट पैदा करता है। अबू धाबी स्टॉक एक्सचेंज में आई तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल 2020 से इसका प्रमुख सूचकांक तीन गुना हो गया है। इस दौरान यह दुनिया में प्रदर्शन के मामले में नंबर वन पायदान पर है।