यूएन प्रमुख ने मंगलवार को अपने सम्बोधन में सचेत किया कि अत्यधिक गर्मी, बाढ़ के प्रकोप, और विनाशकारी सूखे समेत जलवायु संकट के प्रभावों से जूझ रहा अफ़्रीकी महाद्वीप, चार प्रतिशत से भी कम कार्बन उत्सर्जन के लिए ज़िम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकास पर आघात हो रहा है और हर ओर लोग भूख व विस्थापन की मार झेल रहे हैं.
महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि जलवायु अराजकता के बीच, बदतरीन हालात की रोकथाम करना अब भी सम्भव है, मगर उसके लिए जलवायु कार्रवाई की दिशा में एक विशाल छलांग लगानी होगी.
यूएन प्रमुख के अनुसार, सभी देशों द्वारा बड़े पैमाने पर जलवायु महत्वाकाँक्षा दर्शाए जाने की आवश्यकता है, जिसका नेतृत्व सर्वाधिक उत्सर्जन करने वाले देशों को करना होगा.
यह जलवायु एकजुटता समझौते और जलवायु कार्रवाई में तेज़ी लाने पर केन्द्रित उनके एजेंडा के अनुरूप है.
इस सप्ताह, भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी20 समूह की बैठक हो रही है, जिसके मद्देनज़र, उन्होंने अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं से 2040 के नज़दीक ही अपने नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लेने का आहवान किया.
यूएन प्रमुख ने नवीकरणीय और पहुँच के भीतर ऊर्जा लक्ष्यों को साकार करने के लिए जलवायु न्याय पर बल दिया, विशेष रूप से अफ़्रीकी देशों में. इसका अर्थ है, हानि व क्षति कोष का सुचारू संचालन, सार्वभौमिक समय पूर्व चेतावनी प्रणाली व्यवस्था और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सही मार्ग पर लौटना.
नवीकरणीय ऊर्जा जगत की अगुवाई
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाया कि अफ़्रीका में नवीकरणीय ऊर्जा की अपार सम्भावनाएँ हैं, जोकि महाद्वीप को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व की अगुवाई करने की दिशा में ले जा सकती है.
एंतोनियो गुटेरेश के अनुसार, अफ़्रीका में सौर ऊर्जा, बिजली चालित वाहनों और बैट्री भंडारण के लिए विश्व के लगभग एक-तिहाई भंडार हैं.
“सभी अफ़्रीकियों तक वास्तव में इसका लाभ पहुँचाने के लिए, इन अति-महत्वपूर्ण खनिजों का उत्पादन और व्यापार, सप्लाई चेन के हर चरण में सतत, पारदर्शी और न्यायसंगत ढंग से किया जाना होगा.”
यूएन प्रमुख ने अफ़्रीका के ग्रेटर हॉर्न क्षेत्र की ओर ध्यान आकर्षित किया, जहाँ 85 प्रतिशत बिजली, नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होती है.
मोज़ाम्बीक़ में ऊर्जा लगभग पूरी तरह से हरित व टिकाऊ संसाधनों से प्राप्त हो रही है, जबकि मिस्र, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को और दक्षिण सूडान में पवन व सौर ऊर्जा परियोजनाओं से मदद मिल रही है.
उन्होंने वास्तविक मायनों में एक ‘अफ़्रीकी नवीकरणीय ऊर्जा गठबंधन’ को सृजित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की पुकार लगाई है.
‘अफ़्रीकी चमत्कार’
महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, अफ़्रीकी चमत्कार साबित हो सकता है, लेकिन उसे मूर्त रूप दिया जाना होगा. “हम सभी को अफ़्रीका को एक नवीकरणीय ऊर्जा महाशक्ति बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा.”
यूएन प्रमुख ने अफ़्रीकी नेताओं और हितधारकों के एक सम्मेलन को भी सम्बोधित किया, जिसका आयोजन केनया और अफ़्रीकी संघ आयोग ने किया था.
उन्होंने कहा कि यह समय, सभी देशों के लिए एक साथ मिलकर अपने एकमात्र घर की रक्षा करने, और अफ़्रीकियों, सम्पूर्ण विश्व और साझा पृथ्वी के लिए जलवायु न्याय सुनिश्चित करने का है.
यूएन प्रमुख ने मंगलवार को नैरोबी में अपने भाषण के बाद एक पत्रकार वार्ता को भी सम्बोधित किया, जिसमें उन्होंने अफ़्रीकी महाद्वीप को आगे बढ़ने से रोकने वाली अन्यायपूर्ण व्यवस्था का अन्त किए जाने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रगति के लिए वह अफ़्रीकी नेताओं और अफ़्रीकी संघ जैसे संगठनों के साथ मिलकर प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.