Uncategorized

अफ़ग़ानिस्तान: पत्रकारों व मीडिया स्वतंत्रता पर पाबन्दियाँ चिन्ताजनक

अफ़ग़ानिस्तान: पत्रकारों व मीडिया स्वतंत्रता पर पाबन्दियाँ चिन्ताजनक

इस रिपोर्ट को अफ़ग़ानिस्तान में यूएन सहायता मिशन (UNAMA) और यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने साझा रूप से तैयार किया है, जिसमें अगस्त 2021 से सितम्बर 2024 के दौरान मीडियाकर्मियों के मानवाधिकार हनन से जुड़े 336 मामलों में जानकारी जुटाई गई है.

UNAMA की प्रमुख रोज़ा ओटुनबायेवा ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में पत्रकारों व मीडियाकर्मियों के लिए नियम अस्पष्ट हैं और उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं है कि किन मामलों पर रिपोर्ट की जा सकती और कहाँ इसकी मनाही है.

इसकी वजह से उन्हें तथाकथित आलोचनात्मक पत्रकारिता के लिए डराए धमकाए जाने, मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने का जोखिम होता है.

“किसी भी देश में, एक स्वतंत्र प्रैस कोई एक चयन नहीं है, बल्कि एक आवश्यकता है. हम अफ़ग़ानिस्तान में इस आवश्यकता को व्यवस्थागत ढंग से छिन्न-भिन्न होते हुए देख रहे हैं.”

मानवाधिकार हनन मामले

‘Media Freedom in Afghanistan’ नामक इस रिपोर्ट में मनमाने ढंग से गिरफ़्तार और हिरासत में रखे जाने के 256 मामलों पर जानकारी साझा की गई है, और यातना व बुरे बर्ताव के 130 मामले हैं.

75 अतिरिक्त मामले धमकियों व डराए धमकाए जाने के हैं, जिससे एक भय का माहौल उपजा है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रमुख वोल्कर टर्क ने मौजूदा पाबन्दियों से होने वाले नतीजों के प्रति सचेत किया है.

“पत्रकार और मीडियाकर्मी केवल पर्यवेक्षक नहीं हैं, वे पारदर्शिता व जवाबदेही को सुनिश्चित और एक समझदारी भरी चर्चा को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक हैं.”

मानवाधिकार मामलों के प्रमुख के अनुसार, मानवतावादी व संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर समुदायों तक ज़रूरी जानकारी पहुँचाने में उनकी भूमिका अहम है. 

महिला पत्रकारों के लिए अवरोध

रिपोर्ट बताती है कि महिला मीडियाकर्मियों को गम्भीर पाबन्दियों का सामना करना पड़ता है. जिन महिला पत्रकारों ने अपना कामकाज जारी रखा है, उन्हें भेदभावपूर्ण नियमों का सामना करना पड़ता है, पोशाक संहिता से लेकर रिपोर्टिंग के मुद्दों का चयन करने तक.

UNAMA प्रमुख रोज़ा ओटुनबायेवा ने तालेबान प्रशासन से आग्रह किया कि मीडिया सैक्टर में महिलाओं के काम करने की अहमियत को पूर्ण रूप से समझा जाना होगा.

रिपोर्ट में सचेत किया गया है कि अफ़ग़ानिस्तान के मीडिया सैक्टर के लिए अन्तरराष्ट्रीय समर्थन में कमी आने के व्यापक नतीजे सामने आ सकते हैं.

यूएन मिशन प्रमुख के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में मीडिया के लिए तकनीकी व वित्तीय सहायता और अभिव्यक्ति की आज़ादी व सार्वजनिक चर्चा के लिए एकजुटता, देश की प्रगति के लिए अहम है.

संयुक्त राष्ट्र ने तालेबान प्रशासन से आग्रह किया है कि नागरिक व राजनैतिक अधिकारों पर अन्तरराष्ट्रीय वचनपत्र के तहत, तयशुदा दायित्वों को निभाया जाना होगा, जिनमें बिना भेदभाव के अभिव्यक्ति की आज़ादी की गारंटी दी गई है.

माननवाधिकार प्रमुख टर्क ने ध्यान दिलाया कि एक स्वतंत्र और फलता-फूलता मीडिया, स्थिरता के लिए ख़तरा नहीं है, बल्कि देश व समाज के स्वास्थ्य के नज़रिये से ज़रूरी है.

Source link

Most Popular

To Top