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‘अपार पीड़ा’ से गुज़र रहे ग़ाज़ा में तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने की पुकार

‘अपार पीड़ा’ से गुज़र रहे ग़ाज़ा में तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने की पुकार

इससे पहले, यूएन सुरक्षा परिषद ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें रमदान के दौरान ग़ाज़ा में त्वरित युद्धविराम, बंधकों की बिना किसी शर्त के रिहाई और निर्बाध मानवीय सहायता की बात कही गई है.

विशेष समन्वयक वैनेसलैंड की ओर से यह अपील इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद एक दिन बाद दोहराई गई है. 

हालांकि ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य बलों और हमास लड़ाकों के बीच भीषण टकराव अब भी जरी है और बीती रात भी लड़ाई में बच्चों समेत अनेक लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट मिली हैं.

टोर वैनेसलैंड ने सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास द्वारा किए गए हमलों की निन्दा की, और कहा कि इन आतंकी कृत्यों को किसी भी प्रकार से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है. 

विशेष समन्वयक ने क्षोभ व्यक्त किया कि ग़ाज़ा में इसराइल के सैन्य अभियान से विशाल स्तर पर मौतें, विध्वंस और पीड़ा उपजी हुई है, और अभूतपूर्व दर से आम लोगों की जान गई है.

“फ़लस्तीनी लोगों को सामूहिक रूप से दंड देने को किसी भी प्रकार से न्यायसंगत नहीं ठहराया ज सकता है.”

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में छोटे से स्थान में सिकुड़ते जा रहे 17 लाख विस्थापित लोगों की आबादी पर जोखिम मंडरा रहे हैं, जिनसे तत्काल निपटे जाने की ज़रूरत है.

टोर वैनेसलैंड ने चिन्ता जताई कि यदि इसराइल ने रफ़ाह में ज़मीनी अभियान की अपनी योजना पर अमल किया, तो 10 लाख लोग फिर विस्थापित होंगे और उनके लिए इस दुस्वप्न की आशंका बेहद चिन्ताजनक है.

मानवतावादियों की रक्षा

ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में अकाल की आशंका प्रबल होती जा रही है जबकि अन्य इलाक़ों में भयावह हालात बरक़रार हैं.

इसके मद्देनज़र, टोर वैनेसलैंड ने इसराइल से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अपने सभी तयशुदा दायित्वों के निर्वहन का आग्रह किया, और पूरी ग़ाज़ा पट्टी में बेरोकटोक मानवीय सहायता पहुँचाने की अनुमति दी जानी होगी. 

विशेष समन्यवक ने ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा में यूएन मानवतावादियों का कामकाज बेहद ख़तरनाक है, और राहत क़ाफ़िलों को निरन्तर हमलों का सामना करना पड़ रहा है. 

उन्होंने मानवीय सहायताकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया है, ताकि ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत पहुँचाई जा सके. 

यूएन दूत ने समुद्री मार्ग से अतिरिक्त मानवीय सहायता भेजे जाने के लिए एक कॉरिडोर खोले जाने का स्वागत किया, मगर दोहराया कि विशाल स्तर पर राहत अभियान के लिए सड़क मार्ग का कोई विकल्प नहीं है. 

पश्चिमी तट में हमलों पर निन्दा

टोर वैनेसलैंड ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हालात का उल्लेख करते हुए कहा कि वहाँ हिंसा और लोगों के हताहत होने की घटनाओं का जारी रहना चिन्ताजनक है.

इस क्रम में, उन्होंने इसराइली सुरक्षा बलों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है. 

“इसराइली बस्तियों के बाशिन्दों द्वारा फ़लस्तीनियों के विरुद्ध किए जाने वाले हमलों पर मुझे चिन्ता है. इनमें इसराइली सुरक्षा बलों की नज़दीकी उपस्थिति में हुई घटनाएं भी हैं.”

विशेष समन्वयक ने कहा कि फ़लस्तीनियों द्वारा इसराइली नागरिकों के विरुद्ध किए जाने वाले हमलों पर भी विराम लगाया जाना होगा, और दोषियों की जवाबदेही तय की जानी होगी.

उन्होंने येरूशेलम में प्रार्थना सभा के दौरान टकराव को टालने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और पवित्र स्थलों पर यथास्थिति बनाए रखने की अहमियत को रेखांकित किया, विशेष रूप से रमदान महीने के दौरान.

विशेष समन्वयक ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट में इसराइली बस्तियों के अनवरत विस्तार और फ़लस्तीनी ढाँचों को ध्वस्त किए जाने और उन्हें ज़ब्त करने पर चिन्ता व्यक्त की है.

टोर वैनेसलैंड ने कहा कि एक राजनैतिक फ़्रेमवर्क पर सहमति के लिए परिस्थितियाँ तैयार की जानी होंगी, ताकि क़ब्ज़े का अन्त किया जा सके और दो राष्ट्र समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जाए. 

उनके अनुसार ग़ाज़ा, फ़लस्तीन का अखंड हिस्सा है, और दोनों राष्ट्रों की राजधानी येरूशेलम होगी, और उन्हें शान्ति व सुरक्षा के साथ एक साथ रहना होगा, यूएन प्रस्तावों, अतीत में हुए समझौतों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप.

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