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अन्तरिक्ष शस्त्र दौड़ प्रस्ताव पर रूस के वीटो मुद्दे पर चर्चा

सुरक्षा परिषद वो प्रस्ताव संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान ने पेश किया था जिसके समर्थन में 13 वोट पड़े थे और चीन ने मतदान में शिरकत नहीं की थी. उस प्रस्ताव को 60 देशों ने समर्थन दिया था मगर रूस के वीटो प्रयोग के कारण, वो मसौदा प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था.

यूएन महासभा के उप अध्यक्ष अहमद फ़ैसल मुहम्मद ने सोमवार को, महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस का सन्देश पढ़कर, इस मुद्दे पर चर्चा का आरम्भ किया.

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस के सन्देश में चिन्ता व्यक्त की गई कि सुरक्षा परिषद, बाहरी अन्तरिक्ष में व्यापक विनाश के हथियारों के मुद्दे पर सहमति बनाने में नाकाम रही है.

उन्होंने कहा, “बाहरी अन्तरिक्ष, किसी देश का निजी क्षेत्र नहीं है, इसका शान्तिपूर्ण और टिकाऊ प्रयोग, किसी देश की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के दायरे में नहीं आता और यह क्षेत्र, सभी देशों के हित और लाभ की ख़ातिर शान्ति व सहयोग का एक स्थान होना चाहिए.”

डेनिस फ़्रांसिस ने कहा, “बाहरी अन्तरिक्ष का सैन्यकरण किया जाना, गम्भीर चिन्ता का मामला है. इससे अविश्वास और मतभेद गहरे होने के अलावा, पृथ्वी पर भी जीवन के लिए जोखिम उत्पन्न होता है और उसके अति विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.”

स्पष्ट निषेध

यूएन महासभा अध्यक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि 1967 की बाहरी अन्तरिक्ष सन्धि, देश पक्षों को, पृथ्वी के चारों तरफ़ या अन्तरिक्ष में कहीं भी, परमाणु हथियार ले जाने वाले वाहन और जन विनाश के अन्य तरह के हथियारों को रखना या उन्हें स्थापित करना, “स्पष्ट रूप से निषिद्ध” है.

उन्होंने सभी सदस्य देशों से, पृथ्वी और अन्तरिक्ष में यानि दोनों ही स्थानों पर संयुक्त राष्ट्र के शस्त्र अप्रसार उद्देश्यों को सुनिश्चित किए जाने में मदद करने का आहवान किया.

डेनिस फ़्रांसिस ने सभी देशों से, “अन्तरिक्ष को हथियार मुक्त” रखे जाने के लिए, सभी आवश्यक क़दम उठाए जाने का आग्रह भी किया.

यह चर्चा, यूएन महासभा के प्रस्ताव 76/262 के तहत शासनादेश के अनुरूप आयोजित की गई जिसमें व्यवस्था है कि सुरक्षा परिषद में अगर किसी मसौदा प्रस्ताव पर वीटो का प्रयोग किया जाता है तो उस मुद्दे पर 10 दिनों के भीतर यूएन महासभा में चर्चा होगी.

ग़ौरतलब है कि सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्यों को वीटो का अधिकार हासिल है जिनके नाम हैं – चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका. इनमें से कोई भी देश अगर किसी निर्णय या प्रस्ताव पर वीटो का प्रयोग कर देता है तो वो स्वतः नाकाम माना जाता है.

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